सीएए/एनपीआर और प्रस्तावित एनआरसी के विरुद्ध ढाका में संविधान बचाओ संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आठवें दिन भी प्रदर्शन जारी।

सिकरहना।आजाद बाग ढाका (शक्ति शंकर पेट्रोल पंप ढ़ाका) पर संविधान बचाओ संघर्ष मोर्चा द्वारा नागरिकता संशोधन कानून(CAA), प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पणजी (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या पणजी (NPR) के विरोध में संविधान रक्षकों द्वारा आयोजित अन्श्चित कालीन धरना जारी है। आठवें दिन के धरने का आरम्भ भी राष्ट्रगाण से हुआ, सामुहिक रूप से राष्ट्रगाण पढ़ा गया और संविधान की प्रस्तावनी पढ़ी गई एवं क्रान्तिकारी नारे भी लगाए गए। आज के दिन के धरने की अध्यक्षता विद्यानंद राम और संचालन राजेश कुमार राम ने किया। धरने को संबोधित करते हुए प्रसिद्ध कवि अकमल बलरामपुरी ने कहा कि हमारी लड़ाई मोदी और अमित शाह से नहीं बल्कि उनकी साम्प्रदायिकता वाली विचार धारा से है, भारत  सभी धर्मों के आपसी तालमेल से ही कायम है। 
वहीं उन्हों ने अपनी कविता के माध्यम से देश प्रेम और काला कानून का विरोध करते हुए कहा: "अभी बन्द होती आंखों के कई अरमान बाक़ी है-- हमारी टूटती सांसों में हिंदुस्तान बाक़ी है", "नाम जब आया तिरंगे के इज्जत की है, आंच जब आई है मन्दिर पर हिफाजत की है" हमें इस मुल्क का गद्दार बताने वालों, हम ने बटवारे में अपनों से बगावत की है"। "हम ने हर जुल्म सहा प्यारे चमन की खातिर, जान हाजिर है मगर फिर भी  वतन कि खातिर। डॉक्टर एस एन मिन्नतुल्लाह ने  
 CAA, NPR और NRC  पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया। राजू बैठा ने कहा कि यदि मुसलमान न होते तो दलित आज भी आजाद भारत में जातीय गुलामी का शिकार रहते। भीम आर्मी के संतोष कुमार ने कहा कि मुसलमान हमेशा दलित समाज के साथ खड़ा रहा है। डॉक्टर अब्दुल खबिर, कलिमुल्लाह कलीम, महिलाओं में यास्मीन आबिदा, जैनब आरा, गुलाफशा, नेमत जहां, साईस्ता प्रवीण, सफिना, मुसर्रत जहां,  शामा परवीन, आदि ने हज़ारों धरनार्थी महिलाओं को संबोधित किया।

Post a Comment

और नया पुराने

BIHAR

LATEST