भगवानपुर हाट पोषण परामर्श केंद्र का डीपीओ ने किया उद्घाटन, कुपोषण को दूर करने का दिलाई शपथ


सिवान। 
राष्ट्रीय पोषण माह के तहत भगवानपुर हाट प्रखंड में पोषण परामर्श केंद्र का उद्घाटन डीपीओ प्रतिभा गिरी ने किया। इस दौरान डीपीओ ने सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं व कर्मियों को कुपोषण को दूर करने के लिए शपथ दिलाई।  डीपीओ ने कहा कि जिला में कुपोषण को दूर करने के लिए सामुदायिक सहभागिता को जोर दिया जा रहा है। आमजन में पोषण के प्रति नजरिया व उनके रोजाना के व्यवहार में बदलाव लाने के मद्देनजर पोषण परामर्श केंद्र की स्थापना की गयी है। पोषण परामर्श केंद्र की मदद से माता पिता अपने शिशुओं के बेहतर पोषाहार व   बच्चों में कुपोषण की स्थिति की जानकारी भी ले सकते हैं। पोषण माह के दौरान पोषण परामर्श संबंधी कार्यों को प्रमुखता दी गयी है। डीपीओ प्रतिभा गिरी  ने कहा कि पोषण परामर्श केंद्र की मदद से शिशुओं, बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं व धात्री माताओं को आवश्यक पोषण की जानकारी प्राप्त करने में काफी सुविधा होगी। उन्होने कहा कि पोषण संबंधी जानकारियां प्राप्त कर इसका इस्तेमाल वे अपने रोजमर्रा की रसोई में खाना पकाने की गतिविधियों में शामिल कर सकेंगी। कुपोषित बच्चों के माता पिता पोषण परामर्श केंद्र से विभिन्न प्रकार के भोजन में मौजूद उच्च खनिज पदार्थों के लाभ के बारे में जानकारी हासिल कर अपने बच्चों की सेहत बनाने में उपयोग कर सकेंगी। इस मौके सीडीपीओ विनीता कुमारी, जिला समन्वयक पंकज कुमार गुप्ता समेत सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद थी।


कुपोषण को मिटाने के लिए पदाधिकारियों ने ली शपथ:

कार्यक्रम के दौरान डीपीओ ने सभी पदाधिकारियों और सेविकाओं व अन्य कर्मियों को कुपोषण को दूर करने व पोषण के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने की शपथ दिलाई। सभी कर्मियों ने शपथ ली कि पोषण के संदेश को जन-जन तक पहुंचायेंगे और पोषण अभियान को जन आंदोलन के रूप में तब्दील करने में अपने कर्तव्यों का निवर्हन करेंगे।

पोषण के पांच सूत्र की दी जायेगी जानकारी: 

भगवानपुर हाट के सीडीपीओ विनीता कुमारी ने बताया कि पोषण माह के दौरान पोषण के पांच सूत्रों पर गांव घर में चर्चा की जायेगी। इनमें जन्म के पहले सुनहरे 1000 दिन, पौष्टिक आहार, एनीमिया प्रबंधन, डायरिया प्रबंधन, स्वच्छता एवं साफ-सफाई जैसे विषय शामिल रहेंगे। पहले 1000 दिन के तहत बच्चों के जन्म से लेकर दो साल तक की उम्र तक उनके शारीरिक व मानसिक विकास पर चर्चा की जायेगी। इसके बाद पौष्टिक आहार के अंतर्गत शिशु जन्म के एक घटे के भीतर मां का पीला दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने संबंधी बातों की जानकारी दी जानी है। स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की जरूरत पर बल दिया जायेगा. एनीमिया प्रबंधन के तहत आयरन संबंधी दवाओं की जानकारी दी जानी है। डायरिया प्रबंधन के अंतर्गत शिशुओं के डायरिया से बचाव की जानकारी देना है। डायरिया से बचाव के लिए नियमित स्तनपान को बढ़ावा देने, ओआरएस का घोल और जिंक सीरप आदि के बारे में बताया जाना है। वहीं पांचवे सूत्र के तहत स्वच्छता एवं साफ-सफाई के तहत शौच जाने से पहले एवं बाद में तथा खाना खाने से पूर्व एवं बाद में साबुन से हाथ धोने और बीमारी से बचाव की जानकारी दी जायेगी।

जागरूकता रथ देगी ये जानाकरी

• जन्म के छह माह तक सिर्फ माँ का दूध पिलायें
• छह माह के बाद बच्चों को पूरक आहार दें
• गर्भवती होने पर आंगनबाड़ी केंद्र पर रजिस्टेशन करायें
• बच्चों को खाना खिलाते समय साफ-सफाई का ध्यान रखें
• गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार का सेवन करें
• गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोली जरूरी लेनी चाहिए

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