समस्तीपुर:देश और प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ती हिंसा के खिलाफ ऐपवा नेत्री ने किया विरोध प्रदर्शन।


अमरदीप नारायण प्रसाद।

देश, प्रदेश के साथ समस्तीपुर में महिलाओं पर बढ़ती हिंसा के खिलाफ ऐपवा जिलाध्यक्ष बंदना सिंह द्वारा यूपी ऐपवा के प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन के समर्थन में मंगलवार को शहर के विवेक- विहार मुहल्ला स्थित अपने आवास पर एकजुटता विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान वे महिलाओं पर हिंसा रोकने की मांग से संबंधित नारे लिखे तख्ती अपने हाथों में लेकर धरना पर बैठ गई. 
 मौके पर ऐपवा सह भाकपा माले नेत्री बंदना सिंह ने कहा कि बिहार एवं उत्तर प्रदेश में महिलाओं पर हिंसा में बेतहाशा वृद्धि हुई है. हिंसा के शिकार खासकर दलित, गरीब एवं अख्लियत समुदाय की महिलाएं हो रही हैं. एक ओर बिहार के अररिया में गैंगरेप पीड़िता एवं उनको न्याय दिलाने की कोशिश में लगे जन जागरण शक्ति संगठन एनजीओ के दो कार्यकर्ताओं कल्याणी एवं तनमय को खुद न्यायिक मजिस्ट्रेट ही जेल में बंद कर देते हैं. वहीं दूसरी ओर यूपी के लखनऊ में न्याय मांगने आई महिलाओं को आत्मदाह के लिए मजबूर होना पड़ता है. अयोध्या में मजदूरी के सबाल पर दलितों पर जबरदस्त तरीके से कहर ढ़ाया जाता है. मध्यप्रदेश के गुणा में दलित दंपति और उनके बच्चों पर पुलिसिया जुल्म ढ़ाका जाता है.  बिहार के विभिन्न हिस्सों में लगातार महिला उत्पीड़न की घटना घट रही है. समस्तीपुर में अनवरत घर से बाहर तक बहन, बेटियों पर हिंसा हो रही है. विभूतिपुर, हथौड़ीकोठी, विद्यापतिनगर आदि में रेप की घटना घटती है. इस घटना पर कारबाई के बदले सुलह कराने की कोशिश सुशासन की पुलिस करती रहती है. यहाँ तक कि कानून को ताक पर रखकर पुलिस पैसा- पैरवी एवं कागजों की हेराफेरी के बल पर नाबालिग को बालिग बनाकर अपहरणकर्ताओं को सौंपने में सहयोग देने लगी है. पुलिस सत्ताधारी भाजपा- जदयू नेताओं के ईशारे पर रेप के आरोपियों को बचाने की कोशिश करती रहती है. ये बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ एवं महिला सशक्तिकरण की झूठा नारा नारा देने वाली नीतीश- योगी- मोदी राज के मुंह पर करारा तमाचा है. ऐपवा नेत्री ने सरकार को लानत भेजते हुए कहा है कि सरकार को थोड़ी- सी भी हया- शर्म बाकी है तो घटना के तमाम आरोपियों को स्पीडी ट्रायल के जरिये मामले की सुनवाई यथाशीघ्र कराकर आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएं.

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