अभियान चलाकर अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत दर्ज मामलों का निष्पादन करायें: डीएम

पनालाल कुमार
छपरा जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के द्वारा समाहरणालय सभागार में जिला स्तरीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण निगरानी एवं अनुश्रवण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए निदेश दिया गया कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत दर्ज मामलों के निष्पादन के लिए अभियान चलाया जाय कोई भी मामला अधिक दिनों तक लंबित नहीं रहनी चाहिए। बैठक में समिति के समक्ष कुल 180 मामलों को रखा गया जिसमें कुल 164 मामलों में स्वीकृति प्रदान की गई। 
16 मामलों के संबंध में जिलाधिकारी के द्वारा पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय एवं अपर समाहर्ता विभागीय जाँच को निदेश दिया गया कि पुनः इनकी जाँच कर ली जाय तत्पश्चात् प्रतिवेदन उपस्थापित किया जाय। आज जिन मामलों को स्वीकृति दी गयी उसमें दस मामले हत्या से संबंधित थे जिसमें पीड़ित परिवार को 8 लाख 50 हजार रूपये देय है जो दो किस्तों में बराबर-बराबर 4 लाख 25 हजार की दर से दिया जाता है। हत्या को छोड़कर अधिकांश मामले जाति सूचक शब्दों के साथ गाली-गलौज एवं मारपीट कर जख्मी करने से संबंधित था। आज मुआवजा के रूप में कुल 1,13,56,250 रूपया पर स्वीकृति प्रदान की गयी। जिलाधिकारी ने कहा कि अनुसूचित जाति समुदाय के पीड़ित लोगों को केवल आर्थिक लाभ हीं न दिया जाय बाल्कि उन्हें कानूनी लाभ दिलाकर सबल बनाया जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे मामलों में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ससमय आरोप पत्र दायर कर मामलें को निष्पादित कराया जाय।       इसके पूर्व की बैठकों 22 जनवरी 2019 को 32 मामलों में 2067500, 31 मई 2019 को 61 मामलों में 2770000 रूपया 31 अगस्त 2019 को 33 मामलों में 1795000 रूपया तथा 14 नवम्बर 2019 को 60 मामलों में 4280000 रूपया के मुआवजा की स्वीकृति जिलाधिकारी के द्वारा प्रदान की गयी थी।  इस बैठक में जिलाधिकारी के साथ गड़खा के विधाय मुनेश्वर चैधरी, अपर समाहर्ता अरूण कुमार, अपर समाहर्ता विभागीय जाँच भरत भूषण प्रसाद, जिला कल्याण पदाधिकारी, सिविल सर्जन, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, डीएसपी हेडक्वाटर, जिला अभियोजन पदाधिकारी उपस्थित थे।

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