किताब चोर कुलपति कैसे ? ट्वीटर फेसबुक पर विरोध तेज ! Mgcub कुलपति नियुक्ति मामला

महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी की चर्चा आजकल शहर बाजार के साथ साथ फेसबुक ट्वीटर पर भी खूब तेज है। विश्वविद्यालय के दूसरे कुलपति प्रो संजीव कुमार शर्मा का कार्यकाल पूरा हो चुका है ऐसे में जल्द ही इस विश्वविद्यालय में नए कुलपति की तैनाती होनी है। शिक्षा मंत्रालय ने इस विश्वविद्यालय के नए कुलपति के लिए समस्त औपचारिकताएँ पूरी कर ली है जल्द ही इस विश्वविद्यालय के लिए नए कुलपति के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। लेकिन इसी बीच शहर में सक्रिय छात्र संगठन चम्पारण छात्र संघ ने कुलपति के लिए प्रस्तावित नामो में कुछ नाम का विरोध किया है। इस संदर्भ में छात्र संगठन ने राष्ट्रपति और मंत्रालय को पत्र लिखकर विक्रम विश्वविद्यालय में कुलपति रहते किताब घोटाला व नियुक्ति घोटाले के मुख्य आरोपी प्रोफेसर शीलसिंधु पाण्डेय, अपनी पुस्तको में हिन्दू धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले व मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम, महाराणा प्रताप के लिए अपशब्द कहने वाले जीबी पन्त सोशल साइंस इंस्टिट्यूट प्रयागराज के प्रोफेसर बद्रीनारायण तिवारी और बीएचयू राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर तेजप्रताप सिंह के नाम की शिकायत की है। प्रोफेसर तेजप्रताप सिंह पर आरोप है कि वे अपने रिसर्च प्रोजेक्ट्स में नक्सलियों के प्रति सिम्पैथी दिखाते है व नक्सली हमलों को विद्रोह और आंदोलन जैसी संज्ञा देते हैं।
छात्रसंघ ने महामहिम व शिक्षा मंत्रालय से आग्रह किया है कि इस विश्वविद्यालय में किसी निर्विवाद , आकादमिक अनुभवों से परिपूर्ण , नेतृत्व क्षमता से लबरेज बड़े शिक्षाविद की नियुक्ति बतौर कुलपति की जाए और इन नामो को पैनल से हटाया जाए ताकि इस विश्वविद्यालय का सृजनात्मक सिंचन सम्भव हो सके। फेसबुक ट्वीटर पर भी महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के नए कुलपति के लिए घमासान तेज है। छात्र संगठन के छात्र, विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के साथ साथ शहर के लोग भी इस विश्वविद्यालय के लिए अच्छे कुलपति की मांग करते हुए फेसबुक ट्वीटर पर लिख रहे हैं और विरोध किये गए नामो में शीलसिंधु पाण्डेय को किताब चोर, तेजप्रताप सिंह को नक्सल समर्थक और बद्रीनारायण तिवारी के लिए दोमुहे सांप जैसे शब्दों का प्रयोग कर इनकी आलोचनाएं कर रहे हैं। रोजाना मुहिम चलाकर अनेकों ट्वीट किए जा रहे हैं। छात्र संघ अध्यक्ष विकाश जी का कहना है कि इस विश्वविद्यालय का विकास पिछले 6 वर्षों में उस स्तर पर नही हो पाया है जिस स्तर पर इसके साथ ही स्थापित दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय का हुआ है इसके लिए दोषी Mgcub के भ्रष्ट कुलपति हैं हम भविष्य में भ्रष्ट कुलपति की नियुक्ति नही चाहते हैं इसलिए पैनल में शामिल दागी चेहरों का विरोध कर रहे हैं।
इसी बीच देश के पूर्व वित्त और विदेश मंत्री यसवंत सिन्हा ने भी छात्रों के सोशल मीडीया घमासान को देखते हुए ट्वीट कर नारजगी दिखाई है व विरोध किये नामो पर चिंता जताते हुए ट्वीटर पर सरकार से पूछते हैं कि सरकार इस विश्वविद्यालय को बर्बाद करने के लिए प्रतिबद्ध क्यों है? देखना दिलचस्प है कि इस विश्वविद्यालय में नए कुलपति की नियुक्ति कब होती है और शिक्षा मन्त्रालय बतौर कुलपति किसे यहां भेजता है।

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