मिड डे मील हादसा! एक ऐसा स्कूल जिसकी बुनियाद में दफन है 23 मासूमों की लाशें...


मृत 23 बच्चों की आठवीं बरसी पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित

पन्नालाल कुमार

 सारण : 16 जुलाई 2013 यही थी वो तारीख जिस दिन सारण जिले के मशरक गंडामन स्कूल में विषाक्त मिड डे मील बच्चों ने खा लिया था।8 वर्ष पूर्व धर्मासती गंडामन गांव के सामुदायिक भवन में चल रहे प्राथमिक विद्यालय में बने जहरीले निवाले के कारण बच्चों की तबीयत बिगड़ी और एक-एक कर 23 बच्चे बेवक्त ही मौत के आगोश में समा गए। छोटे-छोटे मासूम बच्चों की मौत का जो भयावह मंजर उस दिन दिखा था वो मध्याह्न भोजन योजना के इतिहास का सबसे काला अध्याय साबित हुआ। देश के इस चर्चित मीड डे मिल कांड की आठवीं बरसी पर इस जहर कांड में जान गंवाने वाले नवसृजित विद्यालय के 23 मासूम बच्चों को ग्रामीणों की ओर से शुक्रवार को श्रद्धांजलि दी गई। इसमें बीडीओ मनोज कुमार,सीओ ललित कुमार सिंह,उप प्रमुख साहेब हुसैन उर्फ टुनटुन, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी डॉ वीणा कुमारी,भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ राम दयाल शर्मा, जिला पार्षद पुष्पा सिंह, चांदनी देवी,भाजपा नेता कुमार रजनीश उर्फ झुन्ना पांडेय, मुखिया संघ अध्यक्ष व पूर्वी मुखिया प्रतिनिधि अमर सिंह,बहरौली मुखिया अजीत सिंह,जजौली पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि महेश सिंह,भाजपा नेता उपेन्द्र सिंह, प्रखंड भाजपा दक्षिणी मंडल अध्यक्ष बीरबल प्रसाद कुशवाहा,भाजपा किसान मोर्चा मंत्री रविरंजन सिंह उर्फ मंटू समेत कई लोग शामिल हुए और असमय मौत के शिकार बने बच्चों की याद मे बने स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।


यूं घटित हुआ था ये भयावह हादसा


दरअसल 16 जुलाई 2013 को रसोइया ने एक बच्चे को स्कूल की प्रधानाध्यापिका मीना देवी के घर से सरसों तेल लाने को भेजा। सरसो तेल के डिब्बे के पास ही छिड़काव करने के लिए तैयार कीटनाशक लिक्विड रखा था। बच्चे ने तेल के बदले कीटनाशक का घोल ले जाकर दे दिया जो बिल्कुल सरसों तेल जैसा ही था। रसोइया जब सोयाबीन तलने लगी तो उसमें से झाग निकलने लगा उसने इसकी शिकायत मीना देवी से की पर मीना देवी ने ध्यान नहीं दिया।


कैंपस में ही दफन कर दिए गए थे मासूम

उसके बाद जब खाना बनकर तैयार हो गया और बच्चों को परोसा गया तो बच्चों ने खाने का स्वाद खराब होने की शिकायत की।तब मीना देवी ने बच्चों को डांटकर भगा दिया था। खाना खाने के बाद बच्चों को उल्टी और दस्त शुरू हो गयी।इसके बाद देखते ही देखते 23 बच्चों ने दम तोड़ दिया तो कई बच्चों की हालत खराब हो गई थी। एक रसोइया और 24 मासूम लंबे समय तक चले इलाज के बाद ठीक हुए थे। मृत बच्चों को स्कूल के कैंपस में ही दफन कर दिया गया था जहां उनका स्मारक बनाया गया।

आरोपी हेडमास्टर का पति हो चुका है बरी

हादसे में अपने इकलौते संतान आशीष को खोने वाले अखिलानंद मिश्र ने मशरक थाने में प्रधानाध्यापिका मीना देवी के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मीना को एसआइटी में शामिल महिला थानाध्यक्ष ने 23 जुलाई 2013 को गिरफ्तार करने में सफलता मिली थी। इसके बाद से ही मीना छपरा जेल में बंद थी। वहीं एडीजे ने मीना के पति अर्जुन राय को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।

जमानत पर चल रही हैं आरोपी मीना देवी

वर्ष 2013 में हुए बहुचर्चित मिड डे मील हादसे में 29 अगस्त 2016 को छपरा कोर्ट से गंडामन स्कूल की तत्कालीन प्रधानाध्यापिका मीना देवी को 17 साल कारावास की सजा सुनायी गयी। एडीजे- दो विजय आनंद तिवारी ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में एचएम को हादसे में दोषी पाये जाने पर दो अलग-अलग धाराओं में सश्रम कारावास की सजा सुनाई व जुर्माना लगाया। भादवि की धारा 304 के भाग दो के अंतर्गत 10 साल की सश्रम कारावास के अलावा ढाई लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। 3 जुलाई 2017 को मीना देवी को पटना उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई और मामला अभी भी लंबित है।

मिड डे मील हादसा एक नजर में

16 जुलाई 2013: सारण के मशरक के गंडामन स्कूल में विषाक्त मध्याह्न भोजन से तबीयत बिगड़ी, एक-एक कर 23 बच्चों की मौत

16 जुलाई 2013: मृत बच्चे शिवा के पिता अखिलानंद मिश्रा ने दर्ज कराई प्राथमिकी

20 जुलाई 2013: छपरा सीजेएम कोर्ट से स्कूल की प्रधानाध्यापिका मीना देवी व अर्जुन राय पर गिरफ्तारी वारंट जारी

23 जुलाई 2013: मीना देवी को पुलिस ने गिरफ्तार किया

09 सितंबर 2013: मीना देवी के पति अर्जुन राय का कोर्ट में सरेंडर

20 अक्टूबर 2013: सीजेएम कोर्ट में पुलिस ने चार्जशीट सौंपी

03 सितम्बर 2014: पटना हाई कोर्ट से मीना देवी की जमानत अस्वीकार

09 जनवरी 2015 : छपरा कोर्ट में आरोप गठन

07 मई 2016 : छपरा कोर्ट में सफाई साक्ष्य बंद

29 अगस्त 2016 : छपरा कोर्ट में मीना देवी दोषी करार, पति अर्जुन की रिहाई का आदेश

3 जुलाई 2017 : पटना उच्च न्यायालय स मीना देवी को मिली जमानत

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