गुप्तेश्वर पांडेय बोले- अगर जरूरत पड़ी तो राजनीति में आऊंगा, कहा- सिविल सर्विस में कभी कोचिंग नहीं की, कोई सपोर्ट सिस्टम नहीं था

PATNA: स्वेच्छा से रिटायरमेंट (VRS) के एक दिन बाद बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने फेसबुक के जरिए अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो राजनीति में जरूर आऊंगा। राजनीति में आया तो किसी के ऊपर कोई व्यक्तिगत हमला नहीं करूंगा। मेरे बारे में फैसला बक्सर के लोग करेंगे। मैं उन पर ही छोड़ता हूं बताएं कि मुझे क्या करना चाहिए। पूर्व डीजीपी ने फेसबुक लाइव में बताया कि कैसे उन्होंने पढ़ाई की, कैसे आईपीएस अधिकारी बने। उन्होंने कहा कि मैंने सिविल सर्विस में कभी कोई कोचिंग नहीं की। पटना यूनिवर्सिटी में 100 रुपये में कोचिंग मिलती थी लेकिन मैंने कोई कोचिंग नहीं की।

गुप्तेश्वर पांडेय ने फेसबुक लाइव में बताया कि मैं जिद्दी बहुत था, हौंसला था, यही दृढ़ इच्छा थी जिसकी वजह से मैं यहां तक पहुंचा। मेरा कोई सपोर्ट सिस्टम नहीं रहा। मैं इस जगह तक पहुंचा तो इसमें मेरे माता-पिता का आशीर्वाद है। मेरे माता-पिता बेहद सहज-सरल स्वभाव के थे। आईपीएस बनने के बाद चतरा में मेरी पोस्टिंग हुई। वह नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था। इसके बाद मेरी पोस्टिंग बेगूसराय में हुई। 90 के दशक में वहां काफी अपराध था, मेरे जाने के बाद 40 दुर्दांत अपराधियों का एनकाउंटर हुआ। मेरे वहां पोस्टिंग के बाद वहां हालात बिल्कुल बदल गए, आपराधिक वारदातों पर लगाम लग गई। जाने के बाद 500 नौजवानों को संगठित किया, आम लोगों की शांति के लिए उन्होंने सहयोग किया। जिसके बाद 40 अपराधी मारे गए, कई अपराधियों ने सरेंडर किया

'मेरी कहीं पोस्टिंग हुई तो मैंने अपनी जिम्मेदारी संभाला'

गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि जब भी मेरी कहीं पोस्टिंग हुई तो मैंने अपनी जिम्मेदारी संभाला। कम्यूनिटी पोलिसिंग के जरिए मैंने अपराध को खत्म करने की कोशिश की। मैंने हमेशा से सभी को पूरे आदर से बात की है। जहां-जहां मैं एसपी रहा हूं चाहे नालंदा, बेगूसराय कहीं भी पोस्टिंग हुई हो, जनता से जुड़े रहना मेरे स्वभाव में शामिल है। मैंने अपने घर के दरवाजे हमेशा गरीबों, हर वर्ग के लोगों के लिए खोल के रखा। मैंने जनता दरबार में हमेशा लोगों से बात की। जिस दिन मैंने वीआरएस लिया उस दिन तक मैंने एक-एक आदमी से उनकी बात सुनी। इसमें कोई राजनीति है क्या? गरीब का बेटा हूं ना, यही मेरे काम करने का तरीका है।


'मैं जो भी बोलता हूं बिल्कुल दिल से बोलता हूं'

गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि मैंने 34 साल के कार्यकाल में कभी किसी का नुकसान नहीं किया। अब कोई मेरी लोकप्रियता से किसी को जलन हो या किसी के स्वभाव में ईर्ष्या हो तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है। मैं जो भी बोलता हूं बिल्कुल दिल से बोलता हूं। मेरा भाव गलत नहीं होता है। मैंने अभी कोई पार्टी ज्वाइन करने का ऐलान तो नहीं किया। मैं चुनाव लड़ुंगा, यह भी मैंने अभी कहां कहा है। एक गरीब किसान का बेटा चुनाव नहीं लड़ सकता क्या? ये असंवैधानिक है क्या?

कहा- अगर जरूरत पड़ी तो मैं राजनीति में जरूर आऊंगा

पूर्व डीजीपी ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत के केस कई लोग मुझे जोड़ रहे हैं। मेरे वीआरएस को सुशांत केस से क्यों जोड़ रहे हैं। सुशांत बिहार का बेटा था वो, पूरे देश की शान था वो, जिस तरह से उसकी मौत हुई, उनके पिता के एफआईआर के बाद हमने सिर्फ वही किया जो पुलिस अधिकारी होने के नाते हमारा दायित्व था। कोई कुछ भी बोल सकता है। सुशांत मामले से मेरे वीआरएस का कुछ भी लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई कुछ भी कहे लेकिन मैं कहता हूं कि अगर जरूरत पड़ी तो मैं राजनीति में जरूर आऊंगा। मेरा मनोबल गिराने की कोशिश हो रही है। सुशांत के केस से जोड़ा जा रहा लेकिन मेरी कोशिश यही है कि सुशांत को जस्टिस मिले।

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