तेजस्‍वी ने केंद्रीय मंत्री जावेडकर का किया गुणगान तो नीतीश से बोले- मंगल पांडेय को करें बर्खास्‍त

पटना । नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने पेट्रोल की बढ़ती कीमत को लेकर केंद्र सरकार को घेरा। उन्‍होंने प्रकाश जावेडकर का गुणगान किया। इसके साथ ही कोरोना को लेकर नीतीश सरकार पर हमला किया। खासकर बिहार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय को कठघरे में खड़ा किया। इतना ही नहीं, सीएम नीतीश से मंगल पांडेय को बर्खास्‍त करने की मांग भी की। 
पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में इजाफे के बाद शनिवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार को पुराने दिनों की याद दिलाई है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर के एक पुराने वीडियो के हवाले से कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद देश में डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए गए, जबकि 2013 में जावडेकर ने इसी को आधार बनाते हुए यूपीए सरकार की आलोचना की थी।
वीडियो में जावडेकर कहते सुने जा रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रो उत्पाद की कीमतों में गिरावट के बावजूद देश में इसे महंगा कर दिया गया। तेजस्वी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री की तकरीर से वह सहमत हैं। वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा भले ही आम लोगों को नहीं मिला, किंतु पेट्रोलियम पर प्रति लीटर तीन रुपये उत्पाद शुल्क बढ़ाकर केंद्र सरकार ने अपनी जेब जरूर भर ली। नए फैसले से केंद्र सरकार को करीब 39 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त फायदा होगा।

उधर, कोरोना वायरस को लेकर नीतीश सरकार को घेरा तथा स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय पर हमला किया। उन्‍होंने शनिवार को ही जारी प्रेस बयान में कहा कि बिहार सरकार कोरोना वायरस के पांव पसारते प्रकोप के प्रति पूर्णतः संवेदनहीन और असमंजस में नज़र आ रही है। हमारे प्रशिक्षण शिविर स्थल को कोरोना के नाम पर रद्द कर दिया गया। हमने खुशी-खुशी आदेश का पालन किया, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री सरकार की एडवायजरी (advisory) की खुद धज्जियां उड़ा रहे हैं। सरकार का ऐसा दोहरा रवैया क्यों? उन्‍होंने कहा कि सरकार के निर्णय और उनके मंत्रियों व विभागों में कहीं कोई तालमेल नहीं दिख रहा। सरकार की सलाह की ख़ुद उनके मंत्री और सहयोगी दल भाजपा के प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष उल्लंघन कर रहे हैं।
तेजस्‍वी ने सवाल दागा है कि एक ओर सरकार स्कूल, कॉलेज, सिनेमाघर व पार्क इत्यादि बंद करवा रही है तो दूसरी ओर स्वयं स्वास्थ्य मंत्री ही रोहतास में भाजपा कार्यकर्ताओं का मजमा सजा कर आम जनता की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। क्या स्वास्थ्य मंत्री ने हर जिले में 100 से 300 बिस्तरों वाले सुसज्जित अत्याधुनिक तकनीक व चिकित्सकों से लैस आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लिया है? क्या हर प्राथमिक उपचार केंद्र में कम से कम 10 बिस्तर के आइसोलेशन वार्ड तैयार है? क्यों कोरोना वायरस के संक्रमण की मुफ़्त जांच और इलाज की घोषणा अब तक नहीं की गई है? आम नागरिकों को मास्क व सैनिटाइजर उपलब्ध करवाने में सरकार क्यों पल्ला झाड़ रही है? इनकी जमाखोरी व दाम बढ़ाकर मुनाफाखोरी रोकने के कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे हैं?
उन्‍होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे अपने दायित्वों के प्रति कब गंभीर होंगे? कब तक उनकी व सरकार की संवेदनहीनता की कीमत बिहारवासी अपनी जान गंवा चुकाते रहेंगे? क्या स्कूल, कॉलेज बंद करने जैसी सतही कार्यवाही मात्र से बिहार सरकार कोरोना के खतरे से निपटने के प्रति आश्वस्त हो चुकी है? उन्‍होंने कहा कि समय रहते नीतीश सरकार कब जागेगी? क्या चमकी बुखार के तरह इस बार भी सरकार सैकड़ों जानों के लीलने के बाद ही जागने का अभिनय करने का मन बना चुकी है? उन्‍होंने कहा कि चमकी बुखार में मासूम बच्चे मरते जा रहे थे और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे क्रिकेट मैच का स्कोर पूछ रहे थे और कल जब मुख्यमंत्री कोरोना वायरस पर मीटिंग कर रहे थे तो जनाब अपने मोबाइल पर वीडियो (video) देखने में व्यस्त थे? उन्‍होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थोड़ी हिम्मत जुटाएं और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करें।

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