कोरोना पर बिहार की पहली जीत : एम्स से डिस्चार्ज हुई 35 साल की महिला मरीज, 24 घंटे में 215 सैंपल की जांच, एक भी पॉजिटिव नहीं

पटना. बिहार के लिए सोमवार को वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जुड़ी अच्छी खबर है। एम्स में भर्ती पॉजिटिव महिला अनिथा विनाेद पूरी तरह से स्वस्थ्य हो गई है। 35 साल की इस महिला की दोनों रिपोर्ट लगातार निगेटिव आ गई है। फिर दीघा इलाके में एक अपार्टमेंट में रहने वाले पति विनोद वेंकट रमण व बेटे उन्हें लेकर घर लौट आए। नेपाल से आने के बाद उन्हें बुखार व जुकाम की शिकायत हुई थी। 20 मार्च को उन्हें एम्स में भर्ती किया गया था।
अनिथा बिहार की पहली कोरोना पॉजिटिव पेशेंट हैं जो पूरी तरह से स्वस्थ्य हो गई और उन्हें सोमवार को अस्पताल से छुट्‌टी दे दी गई। 22 मार्च को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 25 मार्च को उनकी पहली रिपोर्ट टेंटेटिव निगेटिव थी। 27 को पहली रिपोर्ट में पूरी निगेटिव रिपोर्ट आई उसके बाद 30 मार्च को उनकी पूरी रिपोर्ट निगेटिव आई। अनिथा बी. फाॅर्मा का कोर्स की हुई हैं। पति विनोद टेक्सटाइल इंजीनियर व सामाजिक कार्यकर्ता के साथ ही बाइबल के टीचर हैं। यह परिवार मूल रूप से केरल का रहने वाला है। दंपती के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा इटली में रहता है, वह 5 मार्च को पटना आया था। उनका छोटा बेटा पटना में पढ़ाई करता है। अनिथा के संपर्क में पति व तीनों बेटे के साथ दस लोग आए थे। सभी की रिर्पोट निगेटिव आई।


मलेरिया-बुखार की दवा से इलाज
उनका इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें हाइड्रोऑक्सीक्लोरीन का टैबलेट दिया जा रहा था। यह दवा मलेरिया में भी दिया जाता है। इसके अलावा बुखार की दवा पैरासिटामॉल दी गई। डॉक्टरों की सलाह का उन्होंने पूरी तरह से माना।
कोरोना को कैसे हरा सकते हैं जानिए...उस महिला की जुबानी, जो ठीक होकर घर लौटी
मैं एक काम से पति विनोद के साथ कार से पटना से 2 मार्च को नेपाल गई थी। 8 मार्च को लौटी। आने से पहले मेरा बड़ा बेटा इटली से 5 मार्च को आया था। 8 से 15 मार्च तक ठीक थी। 16 को पति और छोटा बेटा मोतिहारी गए। इसी दिन मुझे हल्का बुखार व जुकाम हुई। 18 को बुखार 100 था। खांसी होने लगी। मैं और बड़ा बेटा दोनों एम्स गए। वहां दोनों की स्क्रीनिंग हुई। बेटा ठीक था। मुझे संदिग्ध पाया गया और आइसोलेशन वार्ड में चली गई। 22 को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। लेकिन, मैं घबराई नहीं। मुझे उम्मीद थी कि मैं ठीक हो जाऊंगी। मेरी जब पहली रिपोर्ट 25 मार्च को टेंटेटिव निगेटिव आई तो भरोसा और बढ़ गया। पॉजिटिव माइंड के साथ दवा व डॉक्टरों की सलाह मानती रही और मैं ठीक हो गई। पॉजिटिव माइंड के साथ दवा खाते रहें। डॉक्टर जो कहे उनकी बातों पर पूरी तरह से अमल करें। दिमाग में कभी निगेटिव नहीं लाएंगे तो जल्द ही रिपोर्ट भी निगेटिव हो जाएगी। मैं इसकी मिसाल हूं। -जैसा कि अनिथा विनोद ने भास्कर संवाददाता मो. सिकंदर को बताया
जिन्होंने हमें ये जीत दिलाई
एम्स के निदेशक पीके सिंह, अधीक्षक डॉ. सीएम सिंह, डॉ. रवि कीर्ति और उनकी पूरी टीम ने लगातार 10 दिनों तक पूरे समर्पण के साथ अपने कर्तव्य का पालन किया और कोरोना जैसी महामारी पर जीत पाई।

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