भाई के वीआईपी ट्रीटमेंट के आरोप पर बोले मुकेश सहनी - प्रोटोकॉल टूटा है लेकिन..


पटना.
 वैशाली में एक कार्यक्रम में मंत्री मुकेश सहनी के भाई को वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने का मामला बिहार विधान परिषद में लगातार गूंजता रहा. विपक्षी सदस्यों ने इस मामले को लेकर सदन में जमकर नारेबाजी की और मंत्री मुकेश सहनी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे. सत्ता पक्ष के लोगों ने भी जवाब दिया और दोनों पक्षों में तकरार होती रही. विपक्षी सदस्य मंत्री मुकेश सहनी से इस्तीफे की मांग करते रहे और मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की भी मांग की गई. बाद में जब मंत्री मुकेश सहनी सदन से बाहर निकले तो मीडिया से मुखातिब हुए. साहनी ने कहा कि उनका भाई कार्यक्रम में गया था, यह सच है लेकिन उसे कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया गया था.

सहनी ने कहा कि विपक्ष द्वारा उठाया गया यह मामला गलत है. मंत्री ने कहा कि मुझे वैशाली में कार्यक्रम में शरीक होना था लेकिन विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने के कारण मौके पर नहीं पहुंच सका था. मंत्री ने कहा कि मेरे छोटे भाई इन दिनों बिहार के दौरे पर हैं, जनता के बीच घूम रहे हैं और वह कार्यक्रम में पहले ही पहुंच चुके थे. सहनी ने कहा कि एससी एसटी और पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए गाड़ी वितरित की जानी थी, जिसमें 90% अनुदान सरकार द्वारा दिया जा रहा है.


सहनी ने कहा कि मीडिया ने भाई को प्रमोट कर दिया. कार्यक्रम में भाग लेने वाले कई फोटो प्रकाशित कर दिए गए. मंत्री ने इसके लिए खेद भी प्रकट किया. सहनी ने कहा, "आधिकारिक तौर पर किसी भी कार्यक्रम में मेरे भाई नहीं गए थे और ना ही कभी जाएंगे. भाई को मैंने नहीं भेजा था बल्कि हमारे कार्यक्रम में हमारी पार्टी के नेता और पदाधिकारी भाग लेते हैं और भाई भी इसी क्रम में वहां पहुंचा था.


उन्होंने आगे कहा कि यह बात सही है कि प्रोटोकॉल टूटा है और भविष्य में इस बात का ख्याल रखा जाएगा लेकिन जानबूझकर गलती नहीं की गई है. मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे जो भी जानकारी चाही है, उन्होंने अपने स्तर पर इस बात की जानकारी दे दी है.

इस मसले पर आरजेडी एमएलसी सुबोध राय ने कहा कि मंत्री द्वारा माफी मांगने से कुछ नहीं होने वाला है. राजद एमएलसी की मानें तो सरकार के कई मंत्री सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुकेश सहनी के भाई को वैशाली में जिस तरीके से वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया, वैसे में दोषी पदाधिकारियों पर सबसे पहले कार्रवाई करते हुए उन्हें बर्खास्त किया जाए और फिर मुकेश सहनी को भी मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए.


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