
पिता को पीछे बिठा 1200 किमी साइकिल चला दरभंगा पहुंची थी ज्योति, अब इवांका ट्रंप ने की तारीफ
पटना/दरभंगा. बिहार की एक बेटी ज्योति ने अपनी साइकिल पर पिता को बिठाकर हरियाणा (Haryana) के गुरुग्राम से एक हजार किलोमीटर से ज्यादा की दूरी सात दिन में तय की. वह एक दिन में 100 से 150 किलोमीटर अपने पिता को ही पीछे कैरियर पर बिठाकर साइकिल चलाती थी. जब कहीं ज्यादा थकान होती तो सड़क किनारे बैठ कर ही थोड़ा आराम कर लेती थी. रास्ते में कई तरह की परेशानियां हुईं, लेकिन हर बाधा को ज्योति बिना हिम्मत हारे पार करती गई. एक ओर ज्योति के इस काम के लिए उसको सोशल मीडिया (Social Media) पर लोगों की तारीफ तो मिल ही रही है, अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) की बेटी इवांका ट्रंप (Ivanka Trump) ने भी ट्वीट कर ज्योति की तारीफ की है.
इवांका ने अपने ट्वीट में लिखा, 15 साल की ज्योति कुमारी ने अपने जख्मी पिता को साइकिल से सात दिनों में 1,200 किमी दूरी तय करके अपने गांव ले गई. सहनशक्ति और प्यार की इस वीरगाथा ने भारतीय लोगों और साइकलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है.
इवांका ने अपने ट्वीट में लिखा, 15 साल की ज्योति कुमारी ने अपने जख्मी पिता को साइकिल से सात दिनों में 1,200 किमी दूरी तय करके अपने गांव ले गई. सहनशक्ति और प्यार की इस वीरगाथा ने भारतीय लोगों और साइकलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है.
बता दें कि इवांका ट्रंप ने उस खबर को लेकर ट्वीट किया है, जिसमें ज्योति के इस जज्बे की सराहना भारतीय साइकिलिंग फेडरेशन ने भी की है. दरअसल फेडरेशन ज्योति के इस कारनामे से आश्चर्यचकित है. भारतीय साइकिलिंग फेडरेशन ने ज्योति को अगले महीने ट्रायल के लिए दिल्ली बुलाया है.
फेडरेशन के चेयरमैन ओंकार सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि अगर आठवीं क्लास की छात्रा ज्योति यह ट्रायल पास कर लेती है, तो आईजीआई सपोर्ट कॉम्प्लेक्स में स्थित स्टेट-ऑफ़-द-आर्ट नेशनल साइकिलिंग एकेडमी में ट्रेनी के रूप में चयनित हो जाएगी.
फेडरेशन के चेयरमैन ओंकार सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि अगर आठवीं क्लास की छात्रा ज्योति यह ट्रायल पास कर लेती है, तो आईजीआई सपोर्ट कॉम्प्लेक्स में स्थित स्टेट-ऑफ़-द-आर्ट नेशनल साइकिलिंग एकेडमी में ट्रेनी के रूप में चयनित हो जाएगी.
गौरतलब है कि यह एकेडमी स्पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के अधीन आता है और यह एशिया की सबसे विकसित साइकिल एकेडमी है. यह खेलों के अंतराष्ट्रिय संस्था UCI से भी मान्यता प्राप्त संस्था है.
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