MGCUB कुलपति, प्रतिकुलपति गायब, कई प्रोफ़ेसरों ने भी कर ली अपनी छुट्टी



महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति संजीव शर्मा की कारनामे प्रत्येक दिन मीडिया के सुर्खियों में बना रहता है फिर भी शिक्षामंत्रालय भारत सरकार संजीव शर्मा को हटाने का नाम तक नहीं लेता और नहीं कोई करवाई करता। बिहार के जानेमाने समाजसेवी आलोक राज ने दिनांक 10 दिसंबर 2021 को शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान को शिकायत भेजी है जिसमे लिखा है कि  कुलपति, प्रतिकुलपति और कुलपति द्वारा नियुक्त किये प्रोफेसर जो पिछले 10 दिनों से गायब हैं जिसके चलते विश्विद्यालय की अधिकतर गतिविधियां रुक गई है। मंत्रालय को भेजे गए शिकायत में श्री आलोक राज ने लिखा है कि माननीय मंत्री महोदय जब से इंडियन एक्सप्रेस के द्वारा महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के अपराधी कुलपति संजीव शर्मा और उनके गुर्गों द्वारा अवैध रूप से खोले गए  17 नये केन्द्रों का खुलासा हुआ है तब से कुलपति संजीव शर्मा, प्रति कुलपति जी गोपाल रेडी तथा संजीव शर्मा द्वारा नियुक्त किए गए अनेकों प्रोफेसर विश्वविद्यालय परिसर से गायब हैं।

कुलपति संजीव कुमार शर्मा

सूत्रों के अनुसार अभी कुलपति संजीव शर्मा चौधरी चरण सिंह विश्विद्यालय मेरठ सहित उत्तरप्रदेश के चार अन्य विश्विद्यालयों में चल रहे कुलपति चयन हेतु  चल रहे साक्षात्कार में व्यस्त हैं और लखनऊ राजभवन का चक्कर लगते हुए देखा गया है।  ऐसे कुलपति प्रति कुलपति या प्रोफेसरों का विश्वविद्यालय से गायब होने कोई नई बात नहीं है। फरवरी 2020 से हीं जब  कुलपति संजीव शर्मा की कुलपति पद पर अवैध नियुक्ति की खबरें  विभिन्न समाचार पत्रों में छपने लगी तथा शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कुलपति संजीव शर्मा और उनके मूल विश्विद्यालय चौधरी चरणसिंह विश्विद्यालय मेरठ से कुलपति की अवैध नियुक्ति पर जवाब मांगी गई तब से कुलपति महीना में  20 दिन विश्विद्यालय से फरार ही रहते हैं ।कभी अपनी नौकरी बचाने के लिए तक कभी किसी विश्वविद्यालय में अपनी कुलपति पद के लिए शॉर्टलिस्टिंग कराने के लिए या कभी किसी नेता जी के घर की परिक्रमा करने के लिए।  शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की दशा को देखकर तो ऐसा लगता है कि शिक्षा मंत्रालय ने ठान रखी है कि अपराधी कुलपति संजीव शर्मा से विश्वविद्यालय का  ईट ईट बेचवा देना है ताकि विश्वविद्यालय अपने आप समाप्त हो जाए।  विश्वविद्यालय के नए कुलपति के चयन हेतु 6 महीने पहले हीं साक्षात्कार हो गया लेकिन अभी भी शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान जी यह नहीं चाहते हैं कि विश्वविद्यालय से  संजीव शर्मा जैसे अपराधिक कुलपति की विदाई हो या उनके द्वारा विश्विद्यालय में किये गए भरष्टाचारों पर कोई  कार्रवाई हो।  इसलिए आज तक कोई नए कुलपति चयन नहीं हो सका। नए कुलपति की नियुक्ति नहीं होने से चंपारण के आम जनों में भारी रोष है।

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