बिहार में राक्षसराज : 24 अगस्त को पत्रकार ने लिखा- डरूंगा नही झुकूंगा नही, अब जिंदा जलाया गया

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भले ही उनके नेता सुशासन बाबू कहते हो और बिहार में पिछले 16 सालों से सुशासन राज का दावा करते हो लेकिन बिहार में राक्षसराज जैसे हालात हैं। पिछले 24 घंटे में बिहार में एक जिला परिषद पति, एक समाजसेवी और एक पत्रकार की हत्या हौसला बुलंद अपराधियों ने कर दी है।


मधुबनी से जो खबर सामने आई है वो डरा देने वाली है क्योंकि नीतीश कुमार के सुशासन राज में माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट व युवा पत्रकार को जिंदा जला दिया गया है। मृतक ने 24 अगस्त को फेसबुक पोस्ट करते हुए लिखा था- हार नहीं मानूंगा, रार नई ठानूंगा।

काल कपाल पर लिखता मिटाता हूँ।।

और फर्जी नर्सिंग होम बंद करवाता हूँ।

यूँही नही हम बुद्धिनाथ झा अविनाश कहलाता हूँ।।

मधुबनी के 24 वर्ष के अभि झा उर्फ अविनाश झा उर्फ बुद्धिनाथ पत्रकार के साथ-साथ आरटीआई कार्यकर्ता भी थे। अविनाश एक वेब पोर्टल के लिए पत्रकारिता करते थे और साथ ही आरटीआई के माध्यम से जिले में चल रहे फर्जी क्लीनिकों की जानकारी इक्कठा कर कार्यवाई भी करवा रहे थे। श्री झा ने लोक शिकायत निवारण में  कई क्लीनिकों के खिलाफ परिवाद दायर कर जांच करवाया और जांचोपरांत कार्यवाई भी हुई। अभि झा के भाई ने बताया कि 9 नवंबर को अचानक से अविनाश गायब हो गए। परिजनों ने अपहरण के बाद हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि अविनाश लगातार अस्पताल माफिया के खिलाफ आवाज उठा रहा था। 9 नवम्बर से गायब अविनाश की लाश अधजले अवस्था में उड़ेण गांव में मिली। 


बेनीपट्टी बाजार के लोहिया चौक से 9 नवंबर की रात से गायब बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश की लाश विगत शुक्रवार की रात बेनीपट्टी-बसैठ एसएच 52 के उड़ेण गांव के पीपल पेड़ के समीप से बरामद हुई। जले अवस्था में बोरा में बांधकर फेंका हुआ शव मिला। परिजनों ने अंगूठी व कपड़े के आधार पर शव  की पहचान अविनाश के रुप में की। 


पुलिस सूत्रों कि माने तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चार दिन पहले मौत होने की बात सामने आई है। बता दें कि मृतक के भाई ने थाने में विगत गुरुवार को बेनीपट्टी बाजार सहित क्षेत्र के 11 ज्ञात व अन्य अज्ञात फर्जी नर्सिंग होम के संचालकों, डॉक्टरों व कर्मियों पर बुद्धिनाथ को साजिश के तहत लापता कर देने का आरोप लगाते हुए एक मामला दर्ज कराया था। पत्रकार अविनाश की हत्या के बाद नीतीश कुमार के सुशासन राज की पोल खुल गई है। 

राजद के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए पोस्ट किया गया - राजद सरकार में ऐसा जघन्य कांड होता तो यह जंगलराज कहलाता तथा बिहार ही नहीं अपितु दिल्ली में बैठे बिहारी मूल के अधिकांश सभी बड़े पत्रकार @ravishndtv @anjanaomkashyap @SwetaSinghAT इत्यादि इसके लिए सिर्फ़ और सिर्फ़ मुख्यमंत्री को दोषी ठहराते लेकिन अब एनडीए सरकार में ऐसा नहीं करेंगे।


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