Viral Fever in Bihar : दो दिनों में आये वायरल बुखार के दोगुने से अधिक मामले, अस्पताल पहुंचे 1270 पीड़ित


पटना.
बरसात के मौसम में बच्चों में वायरल बुखार पीड़ित बच्चों की संख्या में लगातार तीसरे दिन वृद्धि दर्ज की गयी. राज्य के सरकारी अस्पतालों में सोमवार को 524, मंगलवार को 830 और बुधवार को 1270 वायरल बुखार से पीड़ित बच्चे ओपीडी में आये.

इस तरह आेपीडी में आने वाले वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या में मंगलवार की तुलना में 53%, जबकि सोमवार की तुलना में 142% बढ़ोतरी हुई है. वर्तमान में विभिन्न सरकारी व निजी अस्पतालों में भर्ती 705 बच्चों का इलाज किया जा रहा है.

कोरोना में कमी आने के साथ ही राज्य में वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ रही है. सबसे पहले यूपी के पड़ोसी जिले गोपालगंज, सीवान और सारण में बच्चों के वायरल बुखार से पीड़ित होने की सूचना मिली. डेंगू की आशंका को लेकर गोपालगंज से लिये गये 56 सैंपलों की जांच करायी गयी, जिनमें नौ पॉजिटिव पाये गये.

इसी तरह से सारण जिले के 38 सैंपलों की जांच की गयी, जिनमें एक पॉजिटिव पाया गया, जबकि सीवान जिले से लिये गये 38 सैंपलों की जांच करायी गयी, जिनमें किसी भी बच्चे में डेंगू पॉजिटिव नहीं पाया गया. पिछले शनिवार को राज्य में 395 बच्चे वायरल बुखार की शिकायत लेकर आये, जिनमें 295 को डिस्चार्ज कर दिया गया और 87 बच्चों को भर्ती कराना पड़ा.

सोमवार को 524 बच्चे वायरल बुखार से पीड़ित होकर विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पताल और जिला अस्पतालों के ओपीडी में पहुंचे, जिनमें 100 को भर्ती करनी पड़ी. उस दिन 24 बच्चों को डिस्चार्ज किया गया. मंगलवार को मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 830 बच्चे ओपीडी में पहुंचे, जिनमें 113 बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.

इसी प्रकार बुधवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर कुछ प्राइवेट अस्पतालों में कुल 1270 बुखार से पीड़ित बच्चे ओपीडी में इलाज के लिए आये. इनमें 78 बच्चों को भर्ती करना पड़ा. शेष बच्चों को ओपीडी में इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया.

तिथि ओपीडी भर्ती

  • 13 सितंबर 524 100
  • 14 सितंबर 830 113
  • 15 सितंबर 1270 78

इधर स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों व डॉक्टरों का कहना है कि हर साल सितंबर में वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या में वृद्धि होती है. इस साल वायरल बुखार एक सप्ताह पहले इसका प्रकोप बढ़ गया है. उनका कहना है कि बीमार बच्चे सामान्य इलाज से ही स्वस्थ हो रहे हैं. बड़ी बात है कि किसी भी बच्चे में न तो कोरोना और न ही स्वाइन फ्लू या डेंगू का संक्रमण पाया गया है.

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