योग्य कुलपति के शीघ्र नियुक्ति को लेकर शिक्षक संघ MGCUB का राष्ट्रपति एवं मंत्रालय को पत्र, छात्रसंघ ने पैनल में शामिल नामो पर जताई थी आपत्ति

 

राष्ट्रपति एवं मंत्रालय को शिक्षक संघ द्वारा भेजा गया पत्र

महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में नए कुलपति की नियुक्ति होनी है परंतु नियुक्ति के पूर्व कुलपति नियुक्ति को लेकर विरोध और बवाल थमने का नाम नही ले रहा है। शिक्षा मंत्रालय ने इस विश्वविद्यालय में कुलपति नियुक्ति के लिए साक्षात्कार भी ले लिए है, कुलपति बनने के लिए पैनल में 5 नाम प्रस्तावित है। ज्ञात हो कि पैनल में शामिल तीन नामो पर स्थानीय छात्र संगठन ने आपत्ति जताई है व राष्ट्रपति एवं शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर इन नामो की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की है। अब महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ ने भी राष्ट्रपति और शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा है। संघ ने पत्र में इस विश्वविद्यालय में शीघ्र किसी योग्य कुलपति की नियुक्ति करने की मांग की है। पत्र में शिक्षक संघ ने लिखा है कि हमारे विश्‍वविद्यालय के दागी कुलपतियों के इतिहास को देखते हुए यह और भी जरूरी हो जाता है कि किसी बेदाग़ छवि के विद्वान व्‍यक्ति को  विश्‍वविद्यालय का कुलपति बनाया जाए। साथ ही पत्र में कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया में हो रहे विलंब के कारण विश्‍वविद्यालय के सामान्‍य कामकाज के प्रभावित होने की बात की गई है।

छात्रसंघ के आंदोलन को मिला समर्थन

इधर चम्पारण छात्र संघ के आंदोलन को भी विश्वविद्यालय के अनेको छात्रो एवं कई शिक्षकों का समर्थन मिला है। छात्र संघ ने बतौर कुलपति पैनल में शामिल प्रोफेसर शील सिंधु पाण्डेय , प्रोफेसर बद्रीनारायण तिवारी और प्रोफेसर तेजप्रताप सिंह का विरोध किया है।

प्रो. शील सिंधु पाण्डेय

आरोप है कि विक्रम विश्वविद्यालय में कुलपति रहने के दौरान प्रोफेसर शीलसिन्धु पाण्डेय ने किताब खरीद में घोटाले किये हैं साथ ही एक दिन में 36 नियुक्ति करने के कारण भी प्रोफेसर शीलसिन्धु पाण्डेय कटघरे में हैं। छात्र संघ ने राष्ट्रपति और मंत्रालय को लिखे पत्र में शील सिंधु पाण्डेय की शिकायत करते हुए महामहिम और मंत्रालय से पूछा है कि ऐसे में किसी किताब चोर को फिर से किसी विश्वविद्यालय की कमान कैसे सौप दी जाएगी। वही दूसरी तरफ प्रोफेसर बद्रीनारायण तिवारी के बारे छात्र संघ ने शिकायत की है कि वे एक विवादित व्यक्ति है उन्हें कंट्रोवर्सी में रहना पसंद है।
प्रो. बद्रीनारायण तिवारी
उन्होंने हिन्दू धर्म और बहुसंख्यक आबादी के आस्था के केन्द्र भगवान श्री राम को मिथक कहा है। उन्होंने वीर महाराणा प्रताप जिन्हें हमें सरकारी किताबो में पढ़ाया जाता है उन्हें भी प्रो.बद्रीनारायण तिवारी ने मिथक बताया है, हिंदुत्व पर किताबे लिखकर सबसे ज्यादा रॉयलिटी भी बटोरी है लेकिन उन्हें हिंदुत्व की परिभाषा तक नही पता साथ ही उनकी वैचारिकी वामपंथी रही है ऐसे व्यक्तित्व से इस विश्वविद्यालय का विकास सम्भव नही है। वही तेजप्रताप सिंह पर छात्रसंघ का आरोप है कि वे नक्सल समर्थक हैं उनकी मानसिकता नक्सली हो सकती है क्योंकि इन्होंने अपने रिसर्च प्रोजेक्ट्स में नक्सली हमलों को विद्रोह और आंदोलन जैसी संज्ञा दी है।
प्रो. तेजप्रताप सिंह
विश्वविद्यालय के छात्र लालसाहब , अरुण , अमित आदि छात्रों ने कहा कि ऐसे मानसिकता के लोगो को कुलपति बनाकर इस विश्वविद्यालय का वामपंथीकरण नही होने देंगे। 

सोशल मीडिया पर विरोध , पूर्व वित्तमंत्री का ट्वीट

ट्वीटर फेसबुक पर भी कुलपति नियुक्ति को लेकर मामला गरम है। छात्र संघ द्वारा रोजाना दर्जनों ट्वीट किए जाते हैं, शहर के आमजन भी विश्वविद्यालय में निर्विवाद कुलपति की नियुक्ति को लेकर फेसबुक ट्वीटर पर लिख रहे हैं। छात्रों के ट्वीट को देखते हुए पूर्व वित्त एवं विदेश मंत्री यसवंत सिन्हा ने भी ट्वीट कर पैनल में शामिल नामों पर आपत्ति जताई और सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या सरकार इस विश्वविद्यालय को बर्बाद करने के लिए प्रतिबद्ध है ?
पूर्व वित्तमंत्री यसवंत सिन्हा का ट्वीट
एकतरफ छात्र संघ द्वारा प्रस्तावित नामो का विरोध , बड़े राजनेताओ का मामले को संज्ञान में लेकर ट्वीट और विश्वविद्यालय शिक्षक संघ द्वारा भी राष्ट्रपति और मंत्रालय से शीघ्र कुलपति नियुक्ति की मांग इस आन्दोलन को धार देने का काम कर रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि बतौर कुलपति इस विश्वविद्यालय की कमान किसे सौपी जाती है और छात्रों के विरोध की आवाज कहा तक सुनी जाती है।




Post a Comment

और नया पुराने

BIHAR

LATEST