
बदहाली वर्षों बीत जाने के बाद भी नहीं बना पूर्वी भाग का पहुंच पथ।
अमरदीप के साथ प्रवेश
समस्तीपुर :- शिवाजीनगर प्रखंड के सुदूर इलाके को जोड़ने वाली कांकर पुल का नहीं हो रहा कायाकल्प ।
प्रखंड के सुदूर इलाके को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग का नहीं हो रहा कायाकल्प। कांकर पुल पर बड़े छोटे वाहनों का रहता है दबाव। बताते चलें कि इस पुल से प्रतिदिन हजारों की आबादी करती है सफर।
प्रखंड के लक्षमिनीया, रहियार उत्तर ,रहीयार दक्षिण, बेला, चितौरा ,कोची, दसौत, बुनियादपुर , कांकर आदि गांव के लोगों को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। पूर्वी छोर में करीब 8 वर्षों से संपर्क पथ नहीं बना है। जिससे वाहनों और लोगों को काफी परेशानी होती है। वहीं पश्चिमी छोर की बात करें तो सड़क पर जगह-जगह रेनकट व पीचिंग सड़क टूट जाने के कारण लोगों और बड़े छोटे वाहनों को आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासकर रात के अंधेरे में राहगीरों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है ।कई वर्षों पूर्व से समस्या रहने के बाद भी जिम्मेदार मौन हैं।
कब कोई बड़ी हादसा हो जाए कहना मुश्किल है। इस सड़क से शिवाजी नगर होते हुए रोसरा बहेरी समस्तीपुर सहित कई जगह जाने का मुख्य मार्ग है। पुल पर छोटी बड़ी वाहनों का दबाव भी अधिक रहता है। दूसरी तरफ पुल के पूर्वी छोर पर एप्रोच पथ के नहीं बनने से पुल पार करने वाले राहगीरों के लिए खतरनाक बन गया है। पश्चिमी छोर एप्रोच पथ पर बिछाई गई गिट्टी निकल आई है ।जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
8 वर्ष पहले करीब 33 करोड़ की लागत से कराया गया था पुल का निर्माण ।
8वर्ष पूर्व पुल का निर्माण कराया गया था पूर्वी एप्रोच पथ नहीं बनने के कारण उद्घाघाटन नहीं हो पाया था पश्चिमी छोर का पिचिंग सड़क जगह जगह टूट कर इतना खतरनाक हो गया है। लोग आसानी से पुल पार नहीं कर पाते हैं। इस बीच कोई छोटी या बड़ी वाहनों को पुल पर चढ़ने के दौरान दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
लोगों की मांग पर काफी मशक्कत के बाद 2013 में हुआ था पुल का निर्माण कार्य शुरू।
कांकर लक्ष्मीनिया रहीयार उत्तर, रहियार दक्षिण, बेला, चितौरा , बुनियादपुर ,कोचि दसौत , आदि गांव के लिए प्रखंड मुख्यालय आने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता था वर्ष 2013-14 में पुल का निर्माण करवाया गया लेकिन अब तक पुल के पूर्वी छोर का एप्रोच पथ नहीं बना।
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