
कोरोना से मौत पर परिजनों को मिलेगा मुआवजा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- राशि तय करे सरकार
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार को निर्देश दिया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मरने वालों के परिवारों को अनुग्रह राशि का भुगतान करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करे. जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कोर्ट कोई मुआवजा तय नहीं कर सकती. सरकार अपनी नीति के मुताबिक पीड़ित परिवार को राहत देने का निर्णय ले सकती है. कोर्ट ने कहा कि सरकार अपने संसाधन के हिसाब से मुआवजा या राहत पर नीति तय कर सकती है. कोर्ट ने कहा कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी मुआवजा तय कर सकती है नियम और संसाधन के मुताबिक. कोर्ट ने कहा कि छह हफ्तों में सरकार कोई फैसला ले सकती है
बता दें याचिकाकर्ताओं ने पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की थी. हालांकि कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया है. केंद्र सरकार ने कहा था कि इतना मुआवजा देना संभव नही है. सरकार पर आर्थिक दबाव पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह कोविड संक्रमण के कारण होने वाली मौतों के मामले में डेथ सर्टिफिकेट जारी करने को आसान बनाने के लिए उचित दिशानिर्देश भी जारी करे. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि NDMA अपने वैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहा है.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से क्या कहा था?
गौरतलब है कि केंद्र ने बीत दिनों हुई एक सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसके साथ 'राजकोषीय सामर्थ्य' का कोई मुद्दा नहीं है लेकिन 'राष्ट्र के संसाधनों का तर्कसंगत, विवेकपूर्ण और सर्वोत्तम उपयोग' करने के मद्देनजर कोविड के कारण जान गंवाने वालों के परिवारों को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान नहीं की जा सकती.
केंद्र ने शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार अतिरिक्त हलफनामा दाखिल किया है. सुप्रीम कोर्ट ने 21 जून को उन दो जनहित याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें केंद्र और राज्यों को कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को कानून के तहत चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समान नीति का अनुरोध किया गया था.
केंद्र ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर 12 विशिष्ट चिह्नित आपदाओं को लेकर वर्ष 2015 से 2020 के दौरान प्रस्तावित खर्च के दिशा-निर्देशों में कोविड-19 शामिल नहीं है. इन आपदाओं में चक्रवात, सूखा, भूकंप, आग, बाढ़, सूनामी, ओलावृष्टि, भूस्खलन, हिमस्खलन, बादल फटना, कीट-हमला, पाला और शीत लहर शामिल है
Hrct scan se covid 19 infection chek ko bhi help kiya jaye
जवाब देंहटाएं4 laks diya jaye
जवाब देंहटाएंHrct ko chek ko covid marij nahi man raha hai kuch kiya jaye
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