
राज्यपाल को पत्र लिखकर डीयू के शिक्षक नेताओं ने बिहार के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के लिए पेंशन योजना की मांग
पटना। दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों ने बिहार के विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों के के लिए पुरानी पेंशन योजना की मांग की है। राज्यपाल फागु चौहान को पत्र भेजकर डीयू ईसी के सदस्य और डूटा के पूर्व संयुक्त सचिव ने राजेश के झा सहित कई सदस्यों ने पत्र भेजकर ये मांग की है।
बिहार के राज्यपाल एवं बिहार के राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति फागू चौहान के भेजे स्मारपत्र में शिक्षक नेताओं ने कहा कि भारत सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए 2004 के बाद राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) शुरू की है, जिसमें कर्मचारी और सरकार नियोक्ता के रूप में – दोनों एक निश्चित पूर्व निर्धारित राशि पर कोष में योगदान करते हैं। लेकिन कई राज्य सरकारें हैं जो 01.01.2004 के बाद भी अधिक सुनिश्चित पुरानी पेंशन योजना को जारी रखा हैं और हम आपसे अनुरोध करते हैं कि इस पुरानी पेंशन योजना के कवरेज को बिहार में राज्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को भी उसी पुरानी पेंशन योजना को दिलवाने का कष्ट करें।
कोविड 2.0 जैसी महामारी की स्थिति ने इस बात के महत्व को और कई गुना बढ़ा दिया है कि कर्मचारियों के लिए वित्तीय सुरक्षा का मामला कितना महत्वपूर्ण है, खासकर विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में काम कर रहे शिक्षक औऱ कर्मचारियों के लिए। एनपीएस के तहत शिक्षकों और कर्मचारियों को जो भी वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध हो रही है, उसे भी अभी तक अक्षरश: लागू नहीं किया गया है। बिहार सरकार ने भी फाइल नं. वि०(२७)प०को०-५३/०४-१९६३ पटना, दिनांक ३१.०८.२००५ से अपने कर्मचारियों के लिए 01.09.2005 से एनपीएस प्रभावी किया है।
पत्र में आगे लिखा गया है कि यह हमारे संज्ञान में आया है कि दुर्भाग्यवश बिहार के राज्य विश्वविद्यालयों में नव नियुक्त शिक्षकों के बड़ी संख्या के एनपीएस खाता यानी प्रान को नहीं खोला गया है और उन्हें सरकारी योगदान के बारे में कोई अपडेट भी नहीं मिल रहा है। यह बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 और पटना विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 के तहत मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों के NCPS क़ानून के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन है, जिसमें कि इसका खंड 2.8 शामिल हैं। एनपीएस के कार्यान्वयन के लिए परिपत्र और एनसीपीएस के खंड 2.8 आपके अवलोकन के लिए संलग्न हैं। शिक्षक नेताओं ने एनपीएस को बिहार के विश्वविद्यालयों में लागू किये जाने के साथ साथ एनपीएस खाते में नियमित सरकारी योगदान दिया जाए।
राजेश के झा के साथ सीमा दास, सदस्य ईसी डीयू, राजपाल सिंह पवार, सदस्य, इग्ज़ेक्युटिव काउन्सिल , डीयू, जेएल गुप्ता, सदस्य वित्त समिति / डीयू कोर्ट , आलोक पांडे, उपाध्यक्ष, दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA), प्रेम चंद, संयुक्त सचिव, DUTA, अंजू जैन, सदस्य, डूटा कार्यकारी, कपिला मल्लाह, सदस्य, अकादमिक परिषद, डीयू, चंदर मोहन नेगी, सदस्य, एसी डीयू, सुधांशु कुमार, सदस्य, एसी, डीयू, अमित सिंह खरब, सदस्य, डूटा कार्यकारी, राहुल कुमार, सदस्य, डूटा कार्यकारी ने भी एनपीएस की मांग की है।
Many-Many Thanks for this kind effort.
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जवाब देंहटाएंThanks alot
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