मानवता की मिसाल: युवाओं ने भूखे बंदरों को खिलाया खाना

●   बेजुबान व बेबस जानवरों का ख्याल रखने की, की अपील

●    नारायणपुर में निवास करता है बंदरों का एक बड़ा झुंड

     रिपोर्ट: सूरज कुमार राठी


जगदीशपुर (भोजपुर)। कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए सरकार द्वारा लागू की गई लॉकडाउन में इंसान ही नहीं बेजुबान जानवर भी त्रस्त दिख रहे हैं। ऐसे में बंदरों का एक बड़ा झुंड जो आरा-मोहनिया हाईवे से सटे स्थानीय जगदीशपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत नारायणपुर गांव के खेत में निवास करता है। वे सभी बेजुबान लॉकडाउन में भूख से त्रस्त होकर रह गए हैं। मंगलवार को छात्र संगठन राष्ट्रीय युवा छात्र शक्ति संघ के कार्यकर्ताओं के मन में भूख से त्रस्त बंदरों को खाना खिलाने का ख्याल मन में आया। कार्यकर्ताओं ने नारायणपुर जाकर सभी बंदरों को फुलावल चना खिलाया। मौके पर ऋतिक रोशन सिंह, अभिनाश सिंह, उपेंद्र यादव, मिथिलेश कुमार, विक्की कुमार, अभय मिश्रा व प्रशांत कुमार समेत धीरज कुमार ने बताया कि लॉकडाउन है, बंदरों के सामने भोजन का संकट आ गया है। ऐसे में सभी लोगों को लॉकडाउन में इंसानों के साथ-साथ बेजुबान व बेबस जानवरों का भी ख्याल रखने की अपील की। साथ ही, निर्णय लिया कि हर मंगलवार को बंदरों को खाना खिलाया जाएगा। गौरतलब हो कि आम दिनों में हाईवे से आने-जाने वाले राहगीरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत अन्य लोगों द्वारा बंदरों का भोजन स्वरूप कुछ ना कुछ दिया जाता था। दरसअल, लॉकडाउन में लोग अपने अपने घरों में कैद हैं।

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