गोपालगंज जहरीली शराब कांड: बर्खास्त नहीं होंगे 5 पुलिसकर्मी, बिहार सरकार के फैसले पर पटना HC ने लगाई रोक


गोपालगंज. 
बिहारा के गोपालगंज में नगर थाना के खजुरबानी में हुए जहरीली शराब कांड में 19 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद बिहार सरकार ने नगर थाना के 23 पुलिस पदाधिकारियों को बर्खास्त कर दिया था. अब इस पूरे मामले में पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) का एक अहम और बड़ा फैसला आया है. पटना हाईकोर्ट ने बर्खास्त किए गए पांच पुलिस अधिकारियों और जवानों की बर्खास्तगी पर रोक लगा दी है और दोबारा बहाल करने का आदेश जारी किया है. इसके साथ ही बर्खास्त किए गए तिथि से लेकर अब तक उनके तनख्वाह को भी जारी करने का आदेश जारी किया है. यह आदेश पटना हाई कोर्ट के जज चक्रधारी शरण सिंह के कोर्ट ने दिया है.

बचाव पक्ष के अधिवक्ता वाईवी गिरी के साथ अधिवक्ता मनीष गिरी, आशीष गिरी भी थे. वरीय अधिवक्ता वाईवी गिरी ने बताया कि बीते 14 अगस्त 2016 को नगर थाना के खजुरबानी में जहरीली शराब कांड हुई थी. इसमें जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 5 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी.  इस मामले में बिहार सरकार ने नगर थाना के पुलिस अधिकारियों और सिपाहियों को दोषी ठहराते हुए उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की थी जिसमें नगर थाना के इंस्पेक्टर , सब इंस्पेक्टर कांस्टेबल , सिपाही और मुंशी सहित कुल 23 पुलिस कर्मिओ पर गाज गिरी थी. इसमें से 14 पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया था. लेकिन अब पटना हाईकोर्ट के इस मामले में बड़ा फैसला लेते हुए  बिहार सरकार को बड़ा झटका दिया है.

पटना हाईकोर्ट ने नगर थाना में तैनात सब इंस्पेक्टर अमित कुमार, मुंशी गुलाम हसन, कांस्टेबल अनंज्य कुमार सहित कुल 5 पुलिस अधिकारियों की बर्खास्तगी को रद्द कर दिया है. उन्हें नियमित तौर पर बहाल करने और उनके तनख्वाह को जारी करने का आदेश जारी किया है. बता दें कि खजुरबानी कांड के बाद ही यहां एक दर्जन अरोपियों के घरों को सील कर दिया गया था. सील करने के साथ यहां होमगार्ड जवानों को तैनात किया गया था ताकि खजुरबानी जैसी घटना दोबारा न हो. इसके अलावा सील किये गए अरोपियों के घरों में दोबारा किसी का कब्ज़ा न हो. ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड के जवान रामप्रवेश सिंह ने बताया कि वे यहां तीन शिफ्ट में ड्यूटी करते है. यहां दोबारा शराब की बिक्री न हो और इसके आलवा जिनके घरों को सील किया गया वहां किसी का कब्ज़ा न हो इसके लिए वे तैनात है. बहरहाल, पटना हाईकोर्ट के इस अहम फैसले से बर्खास्त किये गए पुलिस पदाधिकारियों और जवानों को बड़ी राहत मिली है

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