फिल्म मेकर्स बढ़ाएंगे चंपारण की चमक, बेतिया फिल्म फेस्टिवल का आयोजन कर रही है ऋचा

पटना। महर्षि वाल्मीकि, गौतम बुद्ध एवं महात्मा गांधी की धरती चंपारण की प्रतिभाएं देश ही नहीं विदेशों में भी धरती का मान बढ़ा चुकी है लेकिन अब देश ही नही विदेशों के भी फिल्म निर्माता चंपारण की चमक और बढ़ाएंगे। बेतिया आईआईटी कॉलोनी निवासी रामजनम शर्मा की पुत्री ऋचा शर्मा ने भी अपने हुनर का डंका अमेरिका तक बजाया है। रिचा अब फिल्म मेकर्स को चंपारण से जोड़ने के दिशा में काम कर रही है। रिचा 24 दिसंबर को राजधानी पटना में बेतिया फिल्म फेस्टिवल का आयोजन कर रही है। रिचा ने बताया कि पटना के सगुना मोड़ स्थित आर्केड बिजेनस कॉलेज ऑडिटोरियम में बेतिया फिल्म फेस्टिवल और स्पेशल अवार्ड फंक्शन का आयोजन वर्चुअल अजर एक्चुअल दोनों मोड में किया जाएगा। ऋचा के अनुसार इस फेस्टिवल में 30 राज्यों की फिल्मे आई है। इसके साथ फेस्टिवल के जरिये 20 देशों के फ़िल्म मेकर्स जुड़े है, इस फेस्टिवल में प्रत्येक राज्यों के फिल्म मेकर्स की उपस्थिति होगी जो लोग बिहार नही आ पाएंगे वह वर्चुअल ही इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे।

Richa Sharma

फिल्म फेस्टिवल में सुपर -30 फेम आनंद कुमार और डिजी ट्रेनिंग आलोक राज मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे । इसके साथ फिल्म से जुड़े जाने-माने लोगों को भी फेस्टिवल में आमंत्रित किया गया है। ऋचा ने बताया कि फेस्टिवल का उद्देश्य बिहार के लोगों में फिल्मों के प्रति रुझान बढ़ाना और अन्य राज्यों के फिल्म निर्माताओं को बिहार की संस्कृति से रूबरू करवाना है। हर भाषा की फिल्म के लिए हैं अलग जुरी मेंबर हैं। इस फेस्टिवल में अलग-अलग राज्यों से आयी फिल्मों के चयन के लिए जूरी पैनल में फिल्मी हस्तियों, फिल्म समीक्षक को शामिल किया गया है।


जूरी बोर्ड में स्नेह उपाध्याय, मनोज भावुक, डॉ कुमार विमलेंदु के साथ कई प्रमुख नाम शामिल हैं। फेस्टिवल के प्रायोजक प्रिंस राज, अरुण कुमार सोनी, रजनीश कुमार और शीलभद्र हर्षवर्धन है। उल्लेखनीय है कि पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया की बेटी ऋचा शर्मा ने फिल्म के क्षेत्र में अमेरिका में बिहार का झंडा बुलंद किया है। अब बेतिया फिल्म फेस्टिबल देश और विदेश के फिल्ममेकर्स को बेतिया से जोड़ने की दिशा में उनका एक सराहनीय प्रयास है।

अमेरिका में भी सम्मानित हो चुकी है रिचा 

इससे पूर्व रिचा अमेरिका में आयोजित फिल्म फेस्टिवल में सम्मानित होकर बिहार का डंका सात समंदर पार तक बजा चुकी है। ऋचा की कई फिल्में देश विदेश में स्क्रीनिंग कि जा चुकी है । ऋचा का कहना है कि बिहार कला के क्षेत्र में धनी राज्य है बस संसाधनों की कमी के कारण कला के क्षेत्र में उतना विकास नहीं हो पाया। आज भी लोग अपने बेटे या बेटी को फिल्म लाइन में भेजने से डरते है। फिल्म भी करियर का एक साधन हो सकता है ये लोग समझ नहीं पाते। बस इसी समझ को विकसित करने के लिए उसने ये कदम उठाया है।

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