50 हजार के इनामी बदमाश रवि गोप को जेल से छोड़ने के मामले में जेलर सस्‍पेंड, जांच रिपोर्ट के बाद हुई कार्रवाई

पटना. इनामी अपराधी रवि गोप को जेल से छोड़ने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. 50 हजार के इनामी बदमाश रवि गोप को जमानत मिलने के बाद फुलवारीशरीफ जेल से छोड़ दिया गया था. अब इस मामले में जांच रिपेार्ट आने के बाद IG (जेल) ने फुलवारीशरीफ जेल के जेलर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्‍हें सस्‍पेंड कर दिया है. कुख्‍यात रवि गोप को जमानत पर जेल से छोड़ने के मामले में बिहार सरकार और पुलिस की खासी किरकिरी हुई थी. इसके बाद इस मामले की जांच के आदेश दिए गए थे. IG (जेल) मिथिलेश मिश्रा ने अब उन्‍हें निलंबित करने का आदेश जारी किया है.


जांच में पाया गया कि जेलर अरविंद कुमार जमानत प्राप्त बंदियों को जेल से छोड़ने के मामले में एकरूपता नहीं रखते हैं. जेल से छोड़ने की कार्रवाई (जो सामान्यतः सुबह में कैदियों की गिनती के बाद की जानी चाहिए) कभी सुबह में तो कभी विलंब से दोपहर तक की जाती है. रवि गोप को 9 दिसंबर को सुबह करीब 8 बजे ही जेल से छोड़ दिया गया था, जबकि दानापुर एएसपी ने उनसे कहा था कि दानापुर थाना में में रवि पर हत्या के लिए अपहरण का केस दर्ज है. इसमें वह फरार चल रहा है. लिहाजा रवि गोप को इस संगीन केस में रिमांड पर लेने के लिए आवेदन दिया जाएगा. 9 दिसंबर को सुबह 11 बजे तक रिमांड मिल जाएगा, इसलिए रवि गोप का न छोड़ा जाए. इसके बावजूद जेलर अरविंद कुमार ने जे9 दिसंबर को सुबह 8 बजे ही कुख्‍यात को छोड़ दिया.

इस मामले में अरविंद कुमार से कारा विभाग ने स्पष्टीकरण मांगा था. उन्‍होंने इसका जवाब भी दिया, लेकिन विभाग उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ. 50 हजार के इनामी अपराधी के फुलवारीशरीफ जेल से 50 घंटे के अंदर जमानत पर छूट जाने के बाद पटना पुलिस में हड़कंप मच गया था. सेंट्रल रेंज के आईजी संजय सिंह ने मामले की जांच की जिम्‍मेदारी सिटी एसपी (वेस्ट) अशोक मिश्रा को सौंपी थी. सिटी एसपी ने जांच के बाद इसकी रिपोर्ट सौंपी थी. इसमें किसी भी पुलिसकर्मी या अधिकारी की लापरवाही की बात नहीं थी. सिटी एसपी की रिपोर्ट में रवि गोप को जेल से छोड़ने में अनियमितता की बात कही गई है. बाद में उनकी जांच रिपोर्ट को डीएम के माध्यम से कारा विभाग को 19 दिसंबर को भेजा गया था.

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