राजद के घोषणा पत्र में 10 लाख युवाओं को रोजगार का वादा, जीविका कैडरों को नियमित वेतनमान पर स्थायी नौकरी


पटना. महागठबंधन का कॉमन मेनिफेस्टो घोषित होने के बाद राष्ट्रीय जनता दल ने अपना अलग से घोषणा पत्र जारी किया है. 'हमारा प्रण' नाम से जारी 16 पेज के मेनोफेस्टो में नए स्थायी पदों का सृजन कर के कुल 10 लाख नौकरियों की समय बाद बहाली की प्रक्रिया पहले ही कैबिनेट बैठक में पहली दस्तखत के साथ शुरू होगी. तेजस्वी यादव ने राजद नेताओं की उपस्थिति में इसे जारी करते हुए कहा कि यह कोई घोषणा पत्र नहीं बल्कि हमारा प्रण है.

नए स्थाई पदों का सृजन कर के कुल 10 लाख नौकरियों की समय बाद बहाली की प्रक्रिया पहले ही कैबिनेट बैठक में पहली दस्तखत के साथ शुरू होगी.

संविदा प्रथा को समाप्त कर सभी कर्मचारियों को स्थाई कर समान काम समान वेतन दिया जाएगा और सभी विभागों में निजीकरण को समाप्त किया जाएगा.

रोजगार सृजन के उद्योगों को प्रोत्साहन हेतु नई औद्योगिक पॉलिसी के तहत प्रभावी टैक्स डिफरेंट एवं टैक्स वेइवर स्कीम लाई जाएगी, जिसमें नए उद्योगों की स्थापना के अंतर्गत किए गए निवेश निवेशकों में सब्सिडी एवं अधिक रोपित करों में एक निश्चित अवधि तक छूट दी जाएगी.


नियोजित शिक्षकों को वेतनमान कार्यपालक सहायकों लाइब्रेरियन उर्दू शिक्षकों की बहाली की जाएगी राज्य के मूलनिवासी युवाओं के भी सरकारी बहाली परीक्षाओं में फॉर्म निशुल्क होंगे तथा राज्य में के अंतर्गत गृह जिला से परीक्षा केंद्र तक की यात्रा मुक्त होगी.

कार्यालय सहायक, सांख्यिकी स्वयं सेवक, लाइब्रेरियन ,उर्दू शिक्षकों, आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका, आशा कर्मी,  ग्रामीण चिकित्सकों, जीविका दीदियों की मांगों को पूरा किया जाएगा.

हेल्थ केयर सेक्टर में निजी एवं असंगठित क्षेत्रों के माध्यम से प्रत्यक्ष नौकरियों व परोक्ष रोजगार के लाखों अवसर सृजित किए जाएंगे.

जीविका कैडरों को नियमित वेतनमान पर स्थाई नौकरी के साथ समूहों के सदस्यों को ब्याज मुक्त ऋण देंगे.

कॉरपोरेट जगत के तकनीकी प्रशिक्षकों की देखरेख में सरकारी निर्देशानुसार कौशल विकास केंद्रों की स्थापना होगी जहां परंपरागत कौशल के साथ-साथ उद्योग जगत के प्रश्न कौशल सॉफ्ट स्किल्स का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा.

हर जिले में रोजगार केंद्रों की स्थापना होगी अधिकतम 200 दिनों में कौशल योग्यता अनुरूप निजी व सरकारी उपक्रम में रोजगार देने अथवा रोजगार के विकल्प उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी होगी.

रोजगार प्रक्रिया में गैर-सरकारी बिचौलियों एजेंसियों को हटाकर सीधा युवाओं को लाभ दिया जाएगा.

श्रमिकों के हित में सरकारी विभागों उपक्रमों को निजी हाथों में जाने से रोकने का प्रावधान किया जाएगा.

बिहार में किसान आयोग, व्यवसायी आयोग, युवा आयोग और खेल आयोग का गठन किया जाएगा.

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