किसान सलाहकार अपनी माँगों को लेकर काला बिल्ला लगाकर कर रहे हैं काम।

SUPAUL: (अलताफ राजा/ चंदन कुमार)
मामला सुपौल जिला के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय मुख्यालय स्थित किसान भवन में काला बिल्ला लगाकर काम कर रहे किसान सलाहकारों की है।
किसान सलाहकारों ने बताया की जब हमलोगों को प्रगतिशील किसान का दर्जा दिया जाता है।
तो फिर हमलोगों को तकनीकी कार्य क्यों दिया जाता है।
किसान सलाहकार जब प्रगतिशील किसान है तो मोबाईल फोन पर तकनीकी कार्य कैसे करेंगे।
प्रगतिशील किसान सलाहकारों को 1,मिट्टी जाँच,2,फसल कटनी प्रयोग,3,फसल सहायता योजना,4,लघु सिंचाई गणना,5,स्वच्छता जाँच,6,पशु गणना,7,राशनकार्ड संरक्षण,8,आपदा में,9,चुनाव में, इतने सारे कार्य करवाए जाते हैं।
जो प्रगतिशील किसान सलाहकारों के आरे नहीं आता है।
ऊपर से वेतनमान सिर्फ 12,000, बारह हजार रुपये हीं मिलते हैं जोकी बहुत कम है।
सरकार से किसान सलाहकारों की माँग है की हमलोगों को कम से कम संविदा कर्मी घोषित करे।
कई वर्षों से त्रिवेणीगंज अनुमंडल एवं सुपौल जिले में आवेदन देकर अपनी मांगों को लेकर आवेदन दिया जा चुका है।
लेकिन अबतक सरकार के कानों तक जूं नहीं रेंग रही है।
वहीं किसान सलाहकारों ने ये भी बताया की 20,08,2020,तक हमलोगों की माँग पूरी नहीं करती है तो अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
अब देखना लाजमी होगा की सरकार किसान सलाहकारों की बात कब तक सुनती है।

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