शराबियों का अड्डा बना आदर्श नगर चौक, शाम ढलते ही सजती है महफ़िल, प्रशासन बेखबर

मधेपुरा: रूपेश कुमार) नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत वार्ड नंबर 7, 8 , और 9 के बीच स्थिति आदर्श चौक पर शाम ढलते ही लगता है शराबियों का अड्डा। यहां शराब पीने वालों की तादाद अंधेरा होने के साथ बढ़ने लगती है, सड़क किनारे बैठकर खुलेआम शराब पीकर गंदे गंदे गाली गलौज करते रहते हैं। इससे आम लोगों को आवागमन के दौरान बहुत परेशानी हो रही है, साथ ही चौक की छवि भी खराब हो रही है शाम ढलते ही जब कोई अनजान व्यक्ति इस रास्ते से गुजरने के दौरान आदर्श नगर चौक के सड़क किनारे शराबियों के जमघट को देख कर उन्होंने रोष जताते हुए कहा प्रशासन की लापरवाही है। यहां रोजाना शाम को अंधेरा होते ही शराबियों की महफिले सजनी शुरू हो जाती है, ऐसी शर्मनाक हरकतों में ज्यादातर युवा वर्ग के लोग शामिल रहते हैं, इतना ही नहीं बल्कि पॉकेट में शराब लेकर चौक के चारों अगल बगल खड़े होकर आने जाने वाले ग्राहकों को इशारे में बुलाकर उपलब्ध होने की जानकारी देते हैं।
इस चौराहे पर शराबी खुलेआम बिगड़ रहा है, इसके चलते आदर्श चौक के बगल बसे हुए लोगों के बाल बच्चे बिगड़ रहे है। यहां पर लोगों को आने-जाने के दौरान शराबी लोग शराब पीकर बराबर गाली-गलौज करते रहते हैं जिससे आसपास के रहने वाले लोग परेशान रहते हैं। आदर्श चौक पर भी शराबी आम लोगों पर अपशब्दों का प्रयोग करते रहते हैं, जिससे बाजार के लिए निकले स्कूली लड़कियां व महिलाओं को भी परेशानी होती है। यहां बड़े पैमाने पर खुलेआम चलता है, शराब का कारोबार जो शाम 6 बजे से लेकर रात 11बजे तक सजती है, शराबियों की महफिल। यहां पर इस समय दिन और रात में भी युवा वर्ग से लेकर बूढ़े तक कमर मे या पॉकेट में शराब के बोतल रखकर चौक के अगल बगल अंधेरे में खड़े रह कर ग्राहकों का इंतजार करते रहते हैं, शराब के कारोबार से मोहल्ले के बच्चे का आने वाले नई पीढ़ी बर्बाद हो रही है, यही नहीं बल्कि इस मोहल्ले में कई जगह पर शराब की बड़ी मंडी सजती है। जहां दूर- दराज से लोग शराब पीने आते हैं। यहां शराबियों के चार सरगना मेन रूप से इसकी पूरी सेटिंग से आदर्श नगर चौक पर खड़े होकर देखते रहते हैं कि कब कौन अधिकारी किधर से आ रहा है उसकी सारी जानकारी लेते रहते हैं। जबकि प्रशासन को भी इसके बारे जानकारी है, लेकिन प्रशासन भी चुप्पी साधे हुए हैं। इससे यहां की स्थानीय लोगों को घर से बाहर निकलने मे काफी परेशानी होती है और प्रशासन मौन बैठे हैं।

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