मशाल तानाशाह सरकार के खिलाफ विरोध का प्रतीक है: पप्पू यादव

पटना: यह मशाल उस तानाशाह सरकार के खिलाफ एक प्रतीक और एक विरोध है जिसने अपने मजदूरों, मध्यम वर्ग के लोगों, छात्रों को उनके हाल पर छोड़ दिया है. इस विरोध को हम गाँव-गाँव तक पहुचाएंगे." उक्त बातें जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने शनिवार को मशाल जुलूस के दौरान कही.

पप्पू यादव के नेतृत्व में जाप ने छात्रों, कलाकारों और व्यापारियों के समर्थन में मशाल जुलूस निकाला. यह मशाल जुलूस उत्तरी मंदिरी स्थित जाप कार्यालय से निकलकर आयकर चौराहा तक निकला. पप्पू यादव ने कहा था कि, “अगर छात्रों का तीन महीने का स्कूल फ़ीस माफ़ और छोटे व्यापारियों का बिजली बिल, लोन का ईएमआई और होल्डिंग टैक्स माफ़ नही किया गया तो हम मशाल जुलूस निकालेंगे.
इस मशाल जुलूस में तक़रीबन 500 लोग सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए शामिल हुए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए पप्पू यादव ने कहा कि, "नीतीश कुमार को छात्रों और मजदूरों की कोई चिन्ता नहीं हैं। पिछले कुछ दिनों में 37 लाख प्रवासी मज़दूर बिहार वापस लौटे हैं. उनके लिए अभी तक सरकार ने रोज़गार की व्यवस्था नहीं की हैं.”

आगे उन्होंने कहा कि, "अगर सरकार ने छात्रों और गरीबों के हक़ में फैसला नहीं लिया तो हम अपने विरोध को और तेज़ करेंगे. हम कमज़ोर समाज के
लोगों की आवाज़ उठाते रहेंगे और संघर्ष जारी रखेंगे."

जाप के राष्ट्रीय महासचिव और मुख्य प्रवक्ता प्रेमचंद सिंह ने कहा कि, "बिहार सरकार गरीब और मजदूर विरोधी है. यह पूंजीपतियों की सरकार है जो सिर्फ गरीबों का हक़ मारना जानती है."

इस दौरान राजेश रंजन, एजाज अहमद, राघवेन्द्र सिंह कुशवाहा, अकबर अली परवेज़, मंजय अली राय, सुगन जी, शंकर पटेल, विशाल कुमार, नवल किशोर यादव उपस्थित थे.

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