भोजपुर में आरजेडी को लगा एक और करारा झटका, संदेश के पूर्व विधायक ने भी पार्टी छोड़ी, प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के बेहद करीबी माने जाते थे विजेंद्र यादव

AARA : पांच एमएलसी और रघुवंश प्रसाद सिंह के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद भोजपुर में आरजेडी के कद्दवर नेता माने जानेवाले संदेश के पूर्व विधायक विजेंद्र यादव ने भी पार्टी को बाय-बाय कर दिया है। विजेंद्र यादव दो बार संदेश से आरजेडी के विधायक रहे और फिलवक्त उनके भाई अरूण यादव संदेश से विधायक हैं।

विजेंद्र यादव आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के भी करीबी माने जाते हैं। इसी कारण उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष की भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अंदरखाने से आ रही खबरों के मुताबिक विधानसभा चुनाव में विजेंद्र यादव टिकट का आश्वासन चाह रहे थे। उनका कहना था कि अगर उन्हें टिकट मिलना पक्का हो जाए तो क्षेत्र में वे तैयारी शुरू कर दें।


सूत्रों के अनुसार उन्हें यह आश्वासन नहीं मिल पा रहा था। इस कारण उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। बताया जा रहा है कि उनके भाई अरूण यादव एक नाबालिग से रेप में फरार चल रहे हैं। इस कारण उनका चुनाव लड़ना इसबार कठिन था। इसलिए विजेंद्र यादव खुद अपने लिए संदेश की सीट चाह रहे थे, लेकिन शीर्ष नेतृत्व से उन्हें हरी झंडी नहीं मिल रही थी।

बताया जा रहा है कि रेप के आरोपी अरूण यादव के भाई होने के कारण शीर्ष नेतृत्व तुरंत हां कहने में मूड में नहीं था। अपने हिसाब से आरजेडी पूरी तरह से संतुष्ट होना चाहती थी कि विजेंद्र को लोग स्वीकारने को तैयार हैं या नहीं। लेकिन विजेंद्र यादव इंतजार करने के मूड में नहीं थे और इसीलिए उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

सूत्र बताते हैं कि जीते हुए अरूण यादव का टिकट आरजेडी नहीं काटना चाह रहा था और उनके जगह उनकी पत्नी को उम्मीदवार बनाना चाह रहा था। यही वजह है कि विजेंद्र यादव को टिकट का आश्वासन शीर्ष नेतृत्व भी नहीं दे रहा था। दरअसल, अरूण यादव के फरार होने के बाद उनकी पत्नी क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं और एक तरह से उन्होंने तैयारी भी शुरू कर दी है।

ऐसे में विजेंद्र यादव को लगा उनका टिकट कंफर्म नहीं हो रहा है, इसका मतलब है कि अरूण की पत्नी को ही चुनाव लड़ाया जाएगा तो मेरा पार्टी में बने रहने का क्या औचित्स है और उन्होंने पार्टी को बाय-बाय कर दिया है। उनके जेडीयू में जाने की अटकलें हैं। इससे पहले भोजपुर के विधान पार्षद राधाचरण सेठ और रणविजय सिंह भी तीन अन्य पार्षदों के साथ हाल में ही राजद छोड़ जदयू में शामिल हुए थे।

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