पटना. बिहार में कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे और मरीजों की संख्या में लगातार हो रहे इजाफे के बीच मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. बिहार सरकार ने एपिडेमिक डिजीज एक्ट के तहत यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है और अब मास्क नहीं लगाने वालों पर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सभी के लिए अनिवार्य होगा नया नियम
नए नियमों के मुताबिक घर से निकलते समय मास्क लगाना अनिवार्य होगा. यह नियम आम लोगों से लेकर सब्जी विक्रेता, दूध विक्रेता, फल विक्रेता सहित सभी लोगों पर लागू होगा. घर से सिले मास्क के अलावा थ्री लेयर मास्क या फिर जीविका समूह द्वारा निर्मित मास्क इसके लिए मान्य होंगे, साथ ही गमछा का उपयोग भी मास्क की श्रेणी में आएगा.
सभी के लिए अनिवार्य होगा नया नियम
नए नियमों के मुताबिक घर से निकलते समय मास्क लगाना अनिवार्य होगा. यह नियम आम लोगों से लेकर सब्जी विक्रेता, दूध विक्रेता, फल विक्रेता सहित सभी लोगों पर लागू होगा. घर से सिले मास्क के अलावा थ्री लेयर मास्क या फिर जीविका समूह द्वारा निर्मित मास्क इसके लिए मान्य होंगे, साथ ही गमछा का उपयोग भी मास्क की श्रेणी में आएगा.
डॉक्टरों के लिए एन 95 मास्क अनिवार्य
इसके साथ ही बिहार सरकार ने डॉक्टरों समेत सभी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एन 95 मस्क लगाना भी अनिवार्य कर दिया है. इस आदेश को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा अधिसूचना जारी की गई है जिसमें सभी डीएम, एसएसपी, एसपी, सिविल सर्जन को आदेश दिया गया है कि हर जिले में इसका सख्ती से पालन किया जाए।
इसके साथ ही बिहार सरकार ने डॉक्टरों समेत सभी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एन 95 मस्क लगाना भी अनिवार्य कर दिया है. इस आदेश को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा अधिसूचना जारी की गई है जिसमें सभी डीएम, एसएसपी, एसपी, सिविल सर्जन को आदेश दिया गया है कि हर जिले में इसका सख्ती से पालन किया जाए।
गमछा से भी चलेगा काम
बिहार में इस नए कानून के तहत टू लेयर, थ्री लेयर मास्क के अलावा आम लोग गमछा का भी उपयोग कर सकेंगे. दरअसल बिहार में कोविड-19 के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है और इसकी संख्या 153 जा पहुंची है. इस आलोक में बिहार सरकार ने इस महामारी से निपटने के लिए यह अहम फैसला लिया है.
बिहार में इस नए कानून के तहत टू लेयर, थ्री लेयर मास्क के अलावा आम लोग गमछा का भी उपयोग कर सकेंगे. दरअसल बिहार में कोविड-19 के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है और इसकी संख्या 153 जा पहुंची है. इस आलोक में बिहार सरकार ने इस महामारी से निपटने के लिए यह अहम फैसला लिया है.
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