Coronavirus (Covid-19): 3 मई तक बढ़ा देशव्यापी लॉकडाउन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऐलान

नई दिल्ली: Coronavirus (Covid-19): कोरोना के चलते देश में जारी 21 दिनों के लॉकडाउन की अवधि आज यानी 14 अप्रैल को पूरी हो चुकी है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने देशव्यापी लॉकाडाउन (Coronavirus Lockdown) को 3 मई तक बढ़ा दिया है. उन्होंने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आपलोगों ने त्‍याग करके कोरोना से देश को बचाया है. अनुशासित सिपाही की तरह आपने जो किया है, उसे मैं नमन करता हूं. बाबा साहब के बनाए हमारे संविधान में वी द पीपल की बात कही गई है, यही तो इसका मकसद है. मैं आप सभी की ओर से बाबा साहब को नमन करता हूं. यह देश के अलग-अलग हिस्‍सों में अलग-अलग त्‍योहारों का मौसम है. यह देश उत्‍सवों से अकसर खिलखिलाता रहता है. अनेक राज्‍यों में नया साल प्रारंभ हुआ है. लॉकडाउन में आप सब सादगी से त्‍योहार मना रहे हैं. यह बहुत ही प्रेरक है. मैं नए साल पर आपके और परिवारजन के उत्‍तम स्‍वास्‍थ्‍य की मंगलकामना करता हूं.



साथियों, आज पूरी दुनिया में कोरोना से जो हालात पैदा हुआ है, उससे हम भलीभांति अवगत हैं. जब हमारे यहां एक भी केस नहीं था, तभी हमने एयरपोर्ट पर स्‍क्रीनिंग प्रारंभ कर दी थी. अनेक जगहों पर मॉल, थिएटर, क्‍लब, जिम सब बंद कर दिए गए. जब हमारे यहां कोरोना के केवल 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन कर दिया था. हमने समस्‍या बढ़ने का इंतजार नहीं किया. जैसे ही समस्‍या दिखी, उसी समय रोकने का भरसक प्रयास किया.

यह एक ऐसा संकट है, जिससे किसी देश के साथ तुलना करना उचित नहीं है, लेकिन यह भी सच्‍चाई है कि दुनिया के सामर्थ्‍यवान देशों के मुकाबले भारत बहुत संभली स्‍थिति में है. महीना-डेढ़ माह पहले कई देश भारत के बराबर खड़े थे, आज उन देशों में कोरोना के केस 25-30 गुना बढ़ गए हैं और हजारों की दुखद मौत हो चुकी है. भारत ने उचित कदम न उठाए होते, समय पर तेज फैसले न लिए होते तो आज भारत की स्‍थिति क्‍या होती, इसकी कल्‍पना करते ही रोएं खड़े हो जाते हैं लेकिन बीते दिनों के अनुभवों से यह साफ है कि हमने जो रास्‍ता चुना है, वहीं हमारे लिए सही है. सामाजिक दूरी का बहुत बड़ा लाभ देश को मिला है. आर्थिक रूप से हमने बहुत बड़ी कीमत चुकाई है, लेकिन भारतीयों के जीवन आगे इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती. भारत जिस मार्ग पर चला है, उसकी चर्चा दुनिया भर में हो रही है.

राज्‍य सरकारों ने भी जिम्‍मेदारी से काम किया है. 24 घंटे हर किसी ने अपनी जिम्‍मेदारी निभाकर हालात को संभाला है. इन प्रयासों के बीच कोरोना जिस तरह फैल रहा है, उसने सरकारों को और सतर्क कर दिया है. भारत में भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई आगे कैसे बढ़े, हमारा नुकसान कैसे कम हो, लोगों की दिक्‍कतें कैसे कम हों, राज्‍यों के साथ निरंतर चर्चा की गई. इसमें एक बात निकलकर आता है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए. कई राज्‍य तो लॉकडाउन बढ़ा भी चुके हैं. सारे सुझावों को ध्‍यान में रखते हुए यह तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा. तब तक हम सभी को लॉकडाउन में ही रहना होगा. इस दौरान हमें उसी तरह रहना है, जैसे हम करते आ रहे हैं. कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है. स्‍थानीय स्‍तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो यह हमारे लिए चिंता की बात होनी चाहिए. कोरोना से एक भी मौत होती है तो हमारी चिंता और बढ़नी चाहिए. पहले से भी अधिक सतर्कता बरतनी ही होगी. नए हॉटस्‍पॉट का बनना हमारे परिश्रम और हमारी तपस्‍या को भंग करेगा.

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और अधिक बढ़ाई जाएगी. 20 अप्रैल तक हर राज्‍य, हर जिले, हर कस्‍बे को परखा जाएगा, कोरोना के खिलाफ लड़ाई का लगातार मुल्‍यांकन किया जाएगा. जो क्षेत्र इस अग्‍निपरीक्षा में सफल होंगे, जहां नए हॉटस्‍पॉट नहीं बनेंगे, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन याद रखिए यह अनुमति शर्तों के साथ होगी. लॉकडाउन के नियम टूटते हैं तो सारी अनुमति वापस ले ली जाएगी. न खुद लापरवाही करनी है और नही लापरवाही करने देना है.

साथियों, कल इस बारे में सरकार की तरफ से एक विस्‍तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी. 20 अप्रैल से कुछ क्षेत्रों में सीमित छूट का प्रावधान गरीब भाइयों की आजीविका को ध्‍यान में रखते हुए किया जाएगा. मेरी सर्वोच्‍च प्राथमिकता में इनके जीवन में आई दिक्‍कतों को दूर करना है. पीएम गरीब कल्‍याण योजना के तहत उनकी मदद करने का प्रयास किया गया है. इस समय रब्‍बी फसल की कटाई का काम चल रहा है. सरकारें प्रयास कर रही हैं कि किसानों को कम से कम दिक्‍कतें हों. सप्‍लाई चेन लगातार मजबूत किया जा रहा है.

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