जेएनयू के पूर्व छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार विफल, पार्टी भी बेगूसराय से नदारद, टीम प्रियम ने संभाली कमान !


ब्यूरो रिपोर्ट : कोरोना का प्रकोप सिर्फ हॉस्पिटलों में ही नहीं है। कोरोना के मद्देनजर लागू लॉकडॉउन से भी तमाम किस्म की परेशानियां सामने आ रही हैं दिल्ली के आनंदविहार में घर जाने की आस में जमा हजारों की भीड़ हो या हजारों किलोमीटर पैदल चल कर घर जाने की कोशिश करते असहाय मजदूर हों। कोरोना के प्रकोप बिना इसके पूरी तरह फैले ही काफी भयावह लग रहे हैं।

इस बीच हमारे नेता, उद्योगपति, सेलिब्रिटीज़, समाज व आम जनता की भी परख हो रही है। टाटा, अम्बानी, महिंद्रा जैसे उद्योगपतियों ने दिल खोल कर दान दिए हैं। कठिन समय में कुछ लोगों की पोल भी खुली है। इन लोगों में अग्रणी नाम युवा वामपंथी नेता कन्हैया कुमार का है। टीवी डिबेटों में प्रखर वक्ता और विपक्षियों की धज्जियां उड़ाने वाले कन्हैया कुमार जमीन से पूरी तरह नदारद नजर आ रहे हैं। लॉकडॉउन के समय में गरीबों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में खुद को बेगूसराय का बेटा बताने वाले कन्हैया सिर्फ ट्विटर पर ट्वीट करते दिख रहे हैं।

बेगूसराय के भाजपा विधान पार्षद रजनीश कुमार ने कन्हैया कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि क्राउड फंडिंग के जरिए 74 लाख रुपये जमा कर चुनाव लड़ने वाले कन्हैया कुमार महामारी के समय कहां गायब हो गए हैं. वो बेगूसराय के उस क्राउड को छोड़कर कहां गुम हैं, जिन्हें वह अपना कहते थे। लोकसभा चुनाव संपन्न हुए लंबा समय बीत चुका है. इस बीच बेगूसराय जिला बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है. जिस वजह से पूरे जिले के लोग दहशत में हैं. वहीं, लॉक डाउन की वजह से लोग काफी परेशान हैं.

इस मामले में भी रजनीश कुमार ने कहा चुनाव हारने वाले और जीतने वाले दोनों ही लोगों पर जनता का सामाजिक दायित्व होता है. चुनाव में जीत हार लगा रहता है। रजनीश कुमार ने कन्हैया कुमार पर तीखा हमला बोला है. रजनीश कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा बेगूसराय लोकसभा चुनाव के दौरान मीडिया के जरिए सुर्खियों में आए और यहां चुनाव लड़ने पहुंचे थे. खास कर वह प्रत्याशी जो देश और संविधान बचाओ का नारा लगा रहा था, आज कहां गुम है. कन्हैया कुमार ने चुनाव लड़ने के लिए यहां क्राउड फंडिंग के जरिए 74 लाख रुपये की धनराशि जमा की थी. लेकिन अब बेगूसराय के क्राउड को मदद की दरकार है वो गुम हो गए हैं. गौरतलब है कि पिछले साल संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में बेगूसराय संसदीय सीट देशभर में काफी हाई प्रोफाइल था. एक तरफ बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह और दूसरी ओर जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष सह सीपीआई नेता कन्हैया कुमार आमने-सामने थे.
सेवा कर रहे कुछ समाज के लोग के अपने दायित्व का कर रहे निर्वाह।

उनकी जगह कई अन्य लोग क्षेत्र में सेवा कार्य करते नजर आ रहे हैं। इन में एक प्रमुख नाम टीम प्रियम का है। प्रियम रंजन सिंह के नेतृत्व में युवाओं के इस छोटे से समूह टीम प्रियम ने कम समय में ही काफी बड़े कार्य कर दिये हैं। बीस दिन से भी कम समय में बेगूसराय, लखीसराय व समस्तीपुर के 200 से ज्यादा गांवों में इनके सहयोग से कोरोना के बचाव के लिए सैनिटाइजेशन का काम हुआ है।

इसके अतिरिक्त युवाओं के इस समूह ने अपनी हेल्पलाइन नम्बर भी जारी की है, जिसपर भोजन अथवा खाद्य सामग्री समबन्धित मदद मांगी जा सकती है। इंटरनेट और सोशल मीडिया के जमाने में टीम प्रियम ने उन छात्रों के लिए निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग की व्यवस्था भी शुरू की है, जिनकी पढ़ाई को लॉकडॉउन के कारण नुकसान हो रहा है।

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