माले कार्यकर्ताओं ने घरों में थाली पीटकर लॉक डाउन में सरकार से राशन मांगे गरीबो के लिए,दिहाड़ी मजदूर है भुखे- प्रो० उमेश कुमार।



अमरदीप नारायण प्रसाद

लाकडाउन प्रभावितों से एकजुटता के लिए कार्यकर्ताओं ने रखा उपवास- सुरेंद्र
समस्तीपुर, 12 अप्रैल '20
लाकडाउन से बुरी तरह प्रभावित दलित, गरीब, बाहर से आए मजदूर, निम्न मध्यवर्गीय तबके और समाज के कामकाजी हिस्से को भूखमरी से बचाने के लिए अपने-अपने घरों में थाली पीटकर भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने रविवार को मोदी सरकार से राशन की मांग की.
   इस दौरान अपने देशव्यापी मांग दिवस " भूख के विरूद्ध भात के लिए" के तहत तमाम जरूरतमंदों को भोजन, राशन एवं नगद राशि देने की मांग कार्यकर्ताओं द्वारा की गई. मुख्यालय के शहरी क्षेत्र में दर्जनों घरों में थालीपीट कार्यक्रम किया गया. शहर के विवेक- विहार मुहल्ला में कार्यक्रम का नेतृत्व जिला कमिटी सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह एवं महिला संगठन ऐपवा के जिलाध्यक्ष बंदना सिंह, नीलम देवी, आजादनगर में मिथिलेश कुमार, बहादुरपुर में मो० सगीर, शास्त्री गली में उपेंद्र राय, प्रिति कुमारी, जानवी कुमारी, प्रमिला राय, चीनी मील चौक पर सुखदेव सहनी, रंजू देवी, माधुरी चौक पर जिला सचिव प्रो० उमेश कुमार, धरमपुर बांध किनारे मो० कम्मू, महेश पासवान, बहादुरपुर बांध किनारे रामलाल राम, जरीना आदि ने अपने- अपने घरों में परिजन के साथ मिलकर थाली पीटकर नीतीश एवं मोदी सरकार से सभी के लिए राशन की मांग की. इस दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा लाकडाउन प्रभावितों से एकजुटता के लिए एकदिनी उपवास भी रखा गया.
  ग्रामीण क्षेत्र मसलन जीतवारपुर में अशोक राय, मनीषा कुमारी, राजकुमार चौधरी, सरिता देवी, अरूण राय, उमेश राय, पोखरैरा में रामचंद्र पासवान, नीरपुर में विनय झा, केवस में सुरेंद्र सिंह, छतौना में अनील चौधरी आदि ने थाली पीपों कार्यक्रम का नेतृत्व किया.
मौके पर जिला सचिव प्रो० उमेश कुमार ने कहा कि लाकडाउन की घोषणा के वक्त प्रधानमंत्री मोदीजी ने कहा था कि तीन दिन में प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन, एक हजार रू० नगद राशि आदि दिया जाएगा लेकिन  करीब 17 दिन बाद में लोग राशन के आभाव में भूखे रहने को मजबूर हैं.
  इस आशय की जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से देते हुए जिला स्थायी समिति सदस्य सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि लाकडाउन लागू करते ही 3 दिनों में चावल, दाल, गेहूं, नगद राशि आदि देने की घोषणा करने वाली सरकार कुंभकर्णी निद्रा में सोई हुई है. घोषणा को आज तक अमल में नहीं लाया गया है. ऐसी स्थिति में सरकार से राशनकार्ड, राशन, नगद राशि आदि देने के संदेश को  आम जनता अपने-अपने घरों में थाली, तसला, कटोरा पीटकर सरकार तक संदेश पहुंचाने कि कोशीश किया है. यदी मांगें पूरी नहीं की गई तो अभियान को और तेज किया जाएगा.

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