17 मई तक हाईकोर्ट की कार्यवाही प्रभावित रहेगी, जरूरी मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही होगी

पटना. बिहार में कोरोना वायरस तेजी से अपना पैर पसार रहा है. लॉकडाउन करने के बाद भी कई इलाके में लगातार कोरोना पॉजिटिव मरीज पाये जा रहे है. इस दौरान कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के कारण पटना हाईकोर्ट व राज्य की निचली अदालतें 17 मई तक नहीं के बराबर चलेगी. केवल जरूरी मामले की सुनवाई विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही की जाएगी. पटना हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने गुरुवार को पटना हाईकोर्ट के तीनों अधिवक्ता संघों, राज्य सरकार के महाधिवक्ता और केंद्र सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल की सहमति पर यह निर्णय लिया है. पूर्ण पीठ ने कहा कि देश में फैल रहे कोरोना वायरस के प्रभाव से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी अदालतों को दिशा निर्देश दिया था. 
उसी आदेश पर पटना हाईकोर्ट ने 15 मार्च से लेकर 14 अप्रैल तक निचली अदालतों को भी कार्यवाही चलाने का निर्देश दिया था. इस बीच उन सारे मामलों की सुनवाई 18 मई को निर्धारित कर दी गई है, जिसकी तिथि 16 मार्च के पहले अंतरिम आदेश के तौर पर दिया गया था. इन में नोटिस, स्टे, बेल आदि मामले आते हैं. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल, न्यायाधीश दिनेश कुमार सिंह एवं न्यायाधीश हेमंत कुमार श्रीवास्तव की पूर्ण पीठ ने अपने आदेश में अनेक प्रकार का सुझाव दिया है.

इस पर सुनवाई में वकील संघों का पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा, अधिवक्ता अजय कुमार ठाकुर, अधिवक्ता संजय सिंह एवं महाधिवक्ता ललित किशोर ने अदालत से कहा कि ई - फाइलिंग एवं विडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा हो रही सुनवाई में मामलों की संख्या बढ़ा दी जाए. जिस पर अदालत ने सहमति प्रदान कर दी है. अदालत ने इस बात पर भी चिंता जाहिर की कि पटना सिटी एवं राज्य के अन्य जिले रेड जोन एवं ऑरेंज जोन में आ गए हैं, ऐसी हालत में न्यायालयों में भीड़ लगाना फिलहाल उचित नहीं होगा.

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