SAMASTIPUR: (अमरदीप नारायण प्रसाद) विरोध करने वाले को चुनौती दे डाली। बोले कि जो मेरे सभा का विरोध कर रहे और कह रहे है कि समस्तीपुर में सभा नहीं होने देंगे उनको मैं बता देता हूं कि यह शहर उनके पिता का ही नहीं है।
नानी घर है समस्तीपुर
कन्हैया ने कहा कि आजकल चलन है कि जिस जगह पर नेता भाषण देने जाते हैं वहां से रिश्ता जोड़ लेते हैं, लेकिन मैं यह बता देता हूं कि मेरा नानी घर समस्तीपुर है।
यहां से मैं सरकार को चुनौती देने आया हूं, जब ठान लेते हैं तो उसको करके दिखा देते हैं. यही कहेंगे कि सुधर जाइये नहीं तो आपको आपकी नानी घर याद दिला देंगे।
नफरत को नफरत से नहीं प्रेम से जीतना होता है
कन्हैया ने कहा कि वह गांधी के विचारों को मानने वाले हैं।
वह ऐसा नहीं है कि मारने वाले सांड से वह भीड़ जाए।
नफरत को नफरत से नहीं प्यार जीता जाता है. जो गांधी, भगत, अंबदेकर को मानने है वह लोग स्वभाविक हैं कि देशद्रोही नजर आएंगे।
खून खराबे की राजनीति क्यों हो रही है. धर्म और पहचान के नाम पर राजनीति इसलिए हो रही है कि देश की बड़ी समस्याओं को लोग भूल जाए।
बता दें कि कन्हैया कुमार सीएए और एनआरसी के विरोध में जन-गण-मन यात्रा पर निकले हैं।
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