शहादत को सलाम:डीजी ए पी महेश्वरी,एसपी सुशील कुमार समेत तमाम अधिकारियों ने शहीद रमेश रंजन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर सलामी देकर सेल्यूट किया।


  • शहीद रमेश रंजन की वीरता का  हमें गर्व है: सीआरपीएफ डीजी
  • शहीद की पत्नी बेबी देवी को मिलेगी नौकरी,डीजी ने परिवार को सौंपा चेक 

जगदीशपुर: (सूरज राठी ) देश के जांबाज व बहादुर शहीद रमेश रंजन अब हमारे बीच नहीं है।आज उनके  शहादत और वीरता का गुणगान पूरा मुल्क कर रहा है। ऐसे में शहीद के परिजन से लगातार विभिन्न पार्टी के नेता और अधिकारी मिलकर संवेदना दे रहे हैं। सोमवार को सीआरपीएफ के डीजी ए पी महेश्वरी शहीद रमेश रंजन के पैतृक आवास देव टोला पहुंचे, जहां शहीद के परिजनों से मिलकर उन्होंने ढांढस बंधाया, साथ ही हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।सीआरपीएफ के डीजी ए पी महेश्वरी के आते ही शहीद के घर पूरा माहौल गमगीन हो गया।शहीद की पत्नी बेवी देवी और माता  सुमित्रा देवी फफक फफक के रों पड़ी।सबसे पहले सीआरपीएफ के डीजी ए पी महेश्वरी ने शहीद की तस्वीर पर माल्यार्पण करने के पश्चात श्रद्धा सुमन अर्पित कर सलामी देकर सेल्यूट किया। इस दौरान भोजपुर एसपी, जगदीशपुर एसडीएम व विधायक लोहिया,समेत तमाम अधिकारियों ने शहीद की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर सैल्यूट किया। उसके पश्चात शहीद के पिता राधा मोहन सिंह से डीजी ने  मुलाकात किया, जहां शहीद रमेश रंजन के शहादत के बारे में गुणगान गया। इस दौरान शहीद के पिता भाउक होकर रो पड़े।तत्पश्चात शहीद के मां व पत्नी से भी भेट कर के ढांढस बंधाया। इस दौरान डीजी ने शहीद के पिता,माता, व पत्नी को सहायता राशि के अनुसार चेक सौंपा। हालांकि इस बात को पता नहीं चला है कि  कितना राशि का चेक सौंपा गया है।

शहीद रमेश रंजन के घर पहुंचकर डीजी सीआरपीएफ ने दी सांत्वना

शहीद रमेश रंजन की वीरता का  हमें गर्व है।पूरा सीआरपीएफ के मस्तक है। सीआरपीएफ संगठन  और  देश शहीद के परिवार के साथ हैं। भारत सरकार की योजनाओं के अनुरूप जितना लाभ मदद शहीद के परिवार को मिलनी चाहिए हम लोगों ने सुनिश्चित किया है। उनके पत्नी को भी हम लोग लिपि की संदर्भ में उनकी इच्छा हेतु कार्य दे रहे हैं। प्रधानमंत्री के भी यह निर्देश था कि योजनाओं के अनुसार जिस स्कूल में शहीद पढ़ा है। वहां पर भी शहीद का नामकरण हो, उसके लिए हम अथॉरिटी से संपर्क करेंगे। वहां पर उसके नाम से एक फंक्शन हर वर्ष आयोजन हो ताकि जो भावी पीढ़ी है वह भी सबक ले और आगे बढ़े और देश सेवा के काम आए।यह सारे सार्थक प्रयास को हम लोग करेंगे। वीरता पदक के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव जाएगा। जिसमें उच्च स्तरीय समिति निर्णय लेगी मुझे पूरा विश्वास है कि जितना भी परिजन की मांग है वह मिलना चाहिए।


शहीद के पिता बोले: नहीं मिली बिहार सरकार से कोई मदद


कश्मीर के श्रीनगर के पास बुधवार को हुई मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मारने के बाद सीआरपीएफ के जांबाज जवान रमेश रंजन शहीद हो गए थे। आज उनकी वीरता का पूरा मुल्क गुणगान गा रहा है। सोमवार को परिजनों का गुस्सा बिहार सरकार पर फूट पड़ा। परिवार ने बिहार सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। रमेश रंजन के पिता ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के सांत्वना न देने पर नाराजगी जताई।इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे और ना ही मेरे परिवार को अभी तक सीएम की तरफ से कोई भी सांत्वना नही मिली है।शहीद के पिता ने कहा कि इसके अलावा मुझे बिहार सरकार की तरफ से भी अभी तक कोई मदद नहीं मिली है।


सीआरपीएफ डीजी से विधायक लोहिया ने की मांग

जगदीशपुर विधायक राम विशुन सिंह लोहिया ने परिजन के सामने ही सीआरपीएफ डीजी महेश्वरी से शहीद रमेश रंजन के परमवीर चक्र की मांग की है। साथी लोहिया ने कहा कि उन्होंने देश के लिए शहीद हुए हैं उनका सम्मान केंद्र सरकार के साथ-साथ बिहार सरकार भी करें। ताकि आने वाले पीढ़ी शहीद रमेश रंजन के वीरता को याद रखे। गौरतलब हो कि रविवार को विधायक लोहिया ने शहीद के परिजनों से मिलकर सड़क खेल का मैदान लाइब्रेरी बनाने का आश्वासन दिया था।

सिर में लगी गोली, अंतिम सांस तक दिया मुंहतोड़ जवाब
सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रमेश की शहादत को नमन करते हुए बताया कि हिजबुल, लश्कर और जेकेआईएस के तीनों आतंकियों को मार गिराने में रमेश रंजन ने अहम भूमिका निभाई। सिर में गोली लगने के बाद भी रमेश अंतिम सांस तक आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देते रहे। उनके इसी जज्बे से आतंकियों के मंसूबे नााकाम हुए।


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