पटना: नगर निगम कर्मियों की जारी हड़ताल और बिजली कर्मियों की हड़ताल की चेतावनी के बीच अब शिक्षक भी आंदोलन करेंगे। राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति ने सरकार को 17 से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। शिक्षकों की चेतावनी को देखते हुए बिहार सरकार ने भी इनसे सख्ती से निपटने का निर्णय लिया है और मुकदमे की धमकी दी है।
शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर के महाजन ने कहा है कि यदि शिक्षक मैट्रिक परीक्षा में वीक्षण कार्यों का बहिष्कार करते हैं तो उन्हें सेवा से अनधिकृत रूप से अनुपस्थित मान 'नो वर्क-नो पे' के सिद्धांत पर वेतन नहीं दिया जाएगा। शिक्षकों की अनुपस्थिति को सेवा में टूट भी माना जाएगा।
इसके साथ ही कार्य में बाधा डालने वाले शिक्षकों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में आइपीसी के तहत मुकदमा होगा और शिक्षकों का निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।
महाजन ने सभी जिलाधिकारी, जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों और उप विकास आयुक्तों को सरकार के फैसले अवगत कराते हुए कहा है कि मैट्रिक परीक्षा की तिथि की घोषणा महीनों पूर्व परीक्षा समिति ने की थी। परीक्षा से लाखों बच्चों का भविष्य जुड़ा हुआ है। ऐसे में बहिष्कार और असहयोग की बात अनुचित है। बच्चों के भविष्य के साथ इस प्रकार से खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
समय पर परीक्षा का संचालन हो इसकी व्यवस्था की जाए। जो शिक्षक वीक्षण कार्य में तैनात किए गए हैं पर अब हड़ताल पर जाना चाहते हैं उनसे लिखित घोषणा पत्र ले लिया जाए। जो हड़ताल पर नहीं जा रहे वैसे शिक्षकों के सहयोग से परीक्षा ली जाए। समय पर परीक्षा हो इसकी पूरी जिम्मेदारी जिलाधिकारियों की होगी।
बता दें कि प्राथमिक शिक्षक समेत दूसरे कई संगठन समान काम, समान वेतन समेत सात सूत्री मांगों के समर्थन में हड़ताल पर जाना चाहते हैं।
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