नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश सरकार (Andhra Pradesh Government) ने राज्य में दिशा बिल (Disha Bill) को लागू कर दिया है. इस बिल के तहत रेप केस की सुनवाई 21 दिन में पूरी होगी. आंध्र प्रदेश में दिशा बिल के बाद के लागू होने के बाद 21 दिन में आरोपियों को सज़ा-ए-मौत (Death Sentence) दी जाएगी.
अब आंध्र प्रदेश में महिलाओं-बच्चियों के खिलाफ अपराध की सुनवाई के लिए Exclusive कोर्ट होगा. इस मिशन के नेतृत्व की जिम्मेदारी IAS कृतिका शुक्ला को सौंपी गई है. कृतिका शुक्ला को स्पेशल ऑफ़िसर नियुक्त किया गया है. वहीं, IPS एम दीपिका को भी दिशा बिल के लिए स्पेशल ऑफ़िसर बनाया गया है.
उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश विधानसभा में बीते दिसंबर को विधेयक पास किया गया था, जिसमें महिलाओं-बच्चियों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामलों का निपटारा 21 दिनों में किया जा सकेगा. 'आंध्र प्रदेश दिशा विधेयक' में दोषी को फांसी की सजा देने का भी प्रावधान है. विधेयक में दिशा नाम हैदराबाद रेप की पीड़िता को दिए काल्पनिक नाम की वजह से जोड़ा गया था.
इस नए क़ानून के तहत, रेप के मामलों में पुख्ता सबूत होने पर अदालतें 21 दिन में दोषी को मौत की सज़ा सुना सकती हैं. वहीं, पुलिस को सात दिनों के भीतर जांच पूरी करनी होगी. स्पेशल कोर्ट को 14 दिनों के भीतर ट्रायल पूरा करना होगा. सारी प्रक्रियाओं को 21 दिन में पूरा करना होगा.
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