102 मासूमों की मौत के बाद पूरे प्रदेश में हाहाकार , स्वास्थ्य मंत्री ने सीएम गहलोत को लिखा पत्र

कोटा जिले के जेके लोन अस्पताल में 102 मासूमों की मौत के बाद पूरे प्रदेश में हाहाकार मच गया है. प्रदेश से लेकर केंद्र सरकार तक के नेता इसको लेकर दुख जता रहे हैं, वहीं इसको लेकर राजनीति भी जारी है.

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और बसपा सुप्रीमो मायावती के बाद अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को कोटा में बच्चों की मौत के मामले को लेकर पत्र लिखा है और कहा है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री से बात नहीं हो पा रही है.

मंत्री हर्षवर्धन ने निवेदन किया है कि इस विषय पर गहराई के साथ ध्यान दें. अपनी तरफ से हमने सब तरह की सपोर्ट का आश्वासन दिया है. मैंने अपने ऑफिस में उनको फोन करने की कोशिश कर रहा था लेकिन बात नहीं हो पाई, दोबारा बात करने की कोशिश करूंगा. हमारी तरफ से जो भी सपोर्ट की बात होगी वह हम सपोर्ट देंगे. जो मौतें हुई हैं, वह काफी ज्यादा नंबर है. सभी संबंधित लोगों को गहराई में जाकर जो कमी है, उसको पूरा करना चाहिए.

आगे उन्होंने कहा कि वहां की सरकार अगर सक्षम नहीं समझती तो केंद्र हर तरह सपोर्ट के साथ में सारी मदद करने के लिए तैयार है. वहां के मुख्यमंत्री इसको और गंभीरता से लेंगे. ये प्रकार से आई ओपनर है और जो कमी है उसको दूर किया जाए. भारत सरकार के लोग डिटेल में इसका अध्ययन कर रहे हैं.

बता दें कि कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है. एक महीने में मौत का आंकड़ा 102 के पार पहुंच गया है. 1 जनवरी को अस्पताल में 4 दिन की बच्ची की ठंड से मौत हो गई, वहीं 2 जनवरी तक 2 और बच्चे काल के गाल में समा गए. 30 और 31 दिसंबर को कुल 9 बच्चों की मौत हुई. अस्पताल प्रशासन की सभी कोशिशें नाकाम हो रही हैं. इतनी मौतों के बाद भी नज़र कोई बदलाव नहीं आ रहा है.

शिशु रोग विभाग के एचओडी डॉ. अमृत लाल बैरवा ने बताया कि अस्पताल में ये ज्यादातर रेफरल बच्चे हैं. ये सब बाहर से रेफर होकर आए हैं. इनमें बारां और कोटा ग्रामीण क्षेत्रों से हैं. ये न्यू बॉर्न थे. इन बच्चों में जन्म से ही सांस नहीं आया और जब आया तब दिमाग पर असर कर गया. इस कारण इनकी मौतें हुई हैं.
बता दें 24 दिसंबर तक बच्चों की मौत का आंकड़ा 77 था. उसके बाद 25 दिसंबर से सात दिन में 22 बच्चों की मौत हो चुकी है यानी दिसंबर से जनवरी तक माह में अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकड़ा 102 तक पहुंच चुका है.

Post a Comment

और नया पुराने

BIHAR

LATEST