मुंबई. राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साथ काम करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया। पवार ने महाराष्ट्र के एक स्थानीय चैनल को दिए साक्षात्कार में यह बात कही। पवार ने यह बात तब कही, जब उनसे पूछा गया कि शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद पर मांग ठुकराए जाने के बाद भाजपा का साथ छोड़ दिया और सरकार बनाने के लिए राकांपा-कांग्रेस का हाथ थामा।
महाराष्ट्र में सरकार गठन से पहले शरद पवार ने किसानों के मुद्दे को लेकर नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। तब यह अटकलें तेज हो गई थीं कि राकांपा अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के बीच महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सहमति बन गई है।
पवार ने कहा- मोदी ने मुझे साथ काम करने का प्रस्ताव दिया था। मैंने उनसे कहा कि हमारे निजी रिश्ते बहुत अच्छे हैं और यह हमेशा उसी तरह रहेंगे। लेकिन, मेरे लिए साथ काम कर पाना संभव नहीं होगा। पवार ने इन खबरों को दरकिनार कर दिया कि मोदी सरकार ने उन्हें राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, पवार ने यह कहा कि उनकी बेटी सुप्रिया सुले को मोदी कैबिनेट में जगह दिए जाने का प्रस्ताव दिया गया था।
राज्यसभा के 250वें सत्र के मौके पर नरेंद्र मोदी ने पवार की तारीफ की थी। मोदी ने कहा था कि भाजपा और दूसरी पार्टियों को राकांपा से सीखना चाहिए कि किस तरह से संसदीय नियमों का पालन किया जाता है। इससे पहले 2016 में जब पुणे के वसंतदादा चीनी संस्थान में गए थे, तब मोदी ने कहा था कि सामाजिक जीवन के लिए पवार एक प्रेरणा हैं।
तब मोदी ने कहा था- मैं पवार का निजी तौर पर सम्मान करता हूं। मैं तब गुजरात का मुख्यमंत्री था। उन्होंने उंगली पकड़कर मुझे आगे लाए थे। मैं इस सार्वजनिक तौर पर इसका जिक्र करके गर्व महसूस करता हूं।
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