आखिर कब बदलेगा भ्रष्ट सिस्टम। स्वास्थ्य के मंदिर (अस्पताल) से गायब रहते हैं भगवान (डॉक्टर) व दर्शन को माथा पटक जान देते है भक्त(मरीज)।

बिहार/सारण रंजीत भोजपुरिया, (Tbn Media) छपरा

तीस्ता तुम बहुत याद आएगी जब जब कोई भोजपुरी गीतो में बढ़ते अश्लीलता के खिलाफ आवाज उठाएगा तब तब तुम्हारी गैर मौजूदगी एक टीस मारेगी, हमें अफसोस है कि हमनें सिस्टम को अभी तक बदल नही पाये, तुम्हारी गीतों ने सभी को बहुत तड़पाया, तुम्हारे कला को देख कर सभी ने पीठ थपथपाया लेकिन फिर भी बेसुद्ध मरे सिस्टम को तरस नही आया :- मैं एक युवा।

सारण जिले के रिविलगंज प्रखंड के लोक गायक  उदय नारायण सिंह के घर जन्मी सारण की तीजन बाई नवोदित लोक गायिका तीस्ता की जान चली गई वो भी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री आज सीना चौड़ा करके छपरा में आला अधिकारी के समक्ष बैठे हैं, इन्हें थोड़ा भी अफसोस नही के सिस्टम को दुरुस्त करने की जरूरत है जिसकी वजह से छपरा की बेटी की जान गई, न इनके ट्विटर से एक ट्वीट आया न इनके जुबान बोल पाये और न ही इनके चमचे बेलचे अफ़सोस किये, और न ही उस बेटी के अंतिम संस्कार में आये, और आज किस मुँह से छपरा में कदम रखें है, पता नही ऐसे मंत्री साहब को क्या कहा जायेगा? ऐसे लोग को लज्जा भी तो नही आती है।… किस तरह ये छपरा में कदम रखते हैं, भगवान न करे कि ऐसे सिस्टम में इनकी मृत्यु हो, लेकिन अगर हो गयी तो जमाना देखेगा, अस्पताल में गंदगी, शौचालय में गन्दगी, सदर अस्पताल गेट के पास पानी जमाव, डॉक्टरों की नदारदगी, प्रखंड स्तर अस्पताल में न डॉक्टर न दवाईयां न बिजली न सफाई, ये सब इनको नही दिखता, इनको दिखता है सिर्फ रुपये से खरीदे हुवे ज्यादा चमचे बेलचे की कहाँ भीड़ जुटी है वहाँ पहुँचा जाएं।
बहुत जल्द युवाओं की आवाज़ उठेगी इस भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ और इनकी आवाज़ दबाने की किसी में हिम्मत नही है, या तो सिस्टम बदल लो या अपने आपको क्योंकि हम युवा हैं न भ्रष्ट सिस्टम से डरते है और न भ्रष्ट नेता से।

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